चमका आसमाँ पर चाँद
तो धरती पर भी है चमके ऋषिकुमार
सभी को ईद मुबारक
तो सभी को मुबारक जयन्ती परशुराम-
अच्छे दिन चाहते है
अच्छी रातें चाहते है
ये जो ला सके
हम ऐसी सरकार चाहते है..
शिक्षित आवाम चाहते है
समझदार हुक्मरान चाहते है
भ्रष्टाचार मिटा सके
हम ऐसा सुशासन चाहते है..
पक्की सड़कें चाहते है
बहती नहरें चाहते है
आवाम को दिखे
हम ऐसा विकास चाहते है..-
न हरे में हिन्दू, न केसरिया में मुसलमान चाहिए,
एक तिरंगे के नीचे सारा हिन्दुस्तान चाहिए।-
मैं हिंदू तुम मुसलमां चलो बनाये हिंदोस्ता,
मैं धरती तू आसमां चलो बनाये हिंदोस्ता,
मैं जिस्म तू मेरी जां चलो बनाये हिंदोस्ता,
मैं पानी तू जलती शमां चलो बनाये हिंदोस्ता,
मैं गजल तू मेरी जुबां चलो बनाये हिंदोस्ता,
मेरी धड़कन मेरे हमनवां चलो बनाये हिंदोस्ता।-
05 April 2020
इतिहास याद रखेगा इस दिन को
जब पूरा संसार डगमगा रहा था
तब हिंदुस्तान जगमगा रहा था-
बहुत हो गई गिनती हजारों में,
इसे लाख या करोड़ों में मत होने देना !
रुक जाओ अपने-अपने घरों में,
अपने हिंदुस्तान को राख़ मत होने देना !!....-
नानी के किस्सों में
एक कहानी थी
सिंहासन बत्तीसी की
पत्थर पे बैठा मूर्ख चरवाहा
और उसके नीचे दबा सिंहासन
पत्थर पर बैठते ही
लड़के का शासन में माहिर हो जाना
मेरी नानी की कहानी आज भी ज़िन्दा है
उस पत्थर पर हर 5 साल में
कोई आकर बैठता है
और शासन करता है
पर पत्थर के नीचे सिंहासन नहीं
दबे हैं सिर्फ़
1975 की इमरजेंसी, राजनीतिक नेपोटिज़्म
सड़क का मज़दूर, फंदे पर झूलता किसान
चरमराती अर्थव्यवस्था, किसी को मारती भीड़
और मेरा हिंदुस्तान-
वो लूट रहे है भारत को मैं चैन से कैसे सो जाऊं,, वो बेच रहे है देश को खामोश मैं कैसे रह जाऊं हा मैंने कसम उठाई है मैं देश नहीं लूटने दूंगी,, सौगंद मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगी!
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संस्कार, संस्कृति और शान मिले,
ऐसे हिन्दू, मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले लो,
रहे हम सब ऐसे मिल-झूल कर,
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिले।-