इश्क़ में तेरे हमनशीं... क्या से क्या हुये
तू मेरा हुआ न हुआ... हम फ़ना हो गये
तेरी बेतुकी बातों को भी सुलझाते रहे...
हर हर्फ़ में इश्क़ के धागें उलझाते रहे...
तुमसे जुड़े... और तेरे जुड़े में जुड़ते गये
खुदी को खोया... और तुममें खोते गये
इबादत मेरी जैसे खुश... वैसा करते गये
हम हम न रहे... तेरी चाहत में बदल गये
हमनशीं... अब तुम्हें हम क्यों खलने लगे
मैं हूँ तेरी... ज़मीर को भी झूठलाने लगे-
ख़ामोशी मेरी...
मेरी ख़ामोशी में अक़्सर,छुपी होती है एक बात,
ख़ुद से ही कहती हूं मैं जो हर रात,
यादों में तेरी सदा,आंखों में आंसू होते है मेरे साथ,
और लोग होते है हैरान,देखकर ये बिन मौसम बरसात।-
ख़ामोश ज़िन्दगी पर तेरा नाम लिख दू
आजा आज तुझको में अपना पैगाम लिख दू
फर्क नहीं पड़ता तू हमें चाहे या चाहे
बस अपनी अपनी इन नजरों पर तुझे सुबह शाम लिख दू...✍️✍️-
कभी खामोशियों को भी पढ़ने का हुनर सीख लो,
सब कुछ यूं अल्फाज़ो में बयान नहीं होता मुझसे!!😐-
कभी आरज़ू थी मशहूर होने की...
तेरी बेवफ़ाई ने सरेआम बदनाम कर दिया...!!-
मेरी हर तमन्ना थी तुम,
अंधेरी रातों की उजाला थी तुम
हर ख्वाहिशों का पन्ना थी तुम
मेरे जिवन का एक हिस्सा थी तुम
तुम पर लिखा जो किताब था हमने
उन किताबों में भी हर शब्द थी तुम
सवाल जो भी आए मेरे जीवन में
उन सवालों के भी जवाब थी तुम
मेरी हर तमन्ना थी तुम
सूखे डालों में घना जंगल थी तुम
बंद तालों की चाभी थी तुम
मेरे जीवन का एक हिस्सा थी तुम
-Ritik Roshan Dubey
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रोकना मेरी हसरत थी और चले जाना उनका शौक,
वो शौक पूरा कर गए मेरी हसरतें तोड़ कर…-
खामोश हूं इस लिए नहीं की जुबान नही है,
दुनिया समझ रहा हू किसे कहा तक गिरने का दम है।-
उसको कुछ मत कहो यार, वो तो बहुत अच्छी लड़की है,
अक्सर मेरी ही गलती होती है, वो तो सच्ची लड़की है,,-