चाहे हो घनिष्ठ यारी या हो रिश्तेदारी
जिस बीच में रूपया आया वहां आ जाती गद्दारी...✍️-
🎂𝐌𝐲 𝐝𝐚𝐲 𝟐5 𝓙𝓪𝓷🎂
❣️ 𝓜𝓪𝓱𝓪𝓭𝓮𝓿 𝓴𝓲 𝓓�... read more
समय और परिस्थिति दोनों एक ही नाव में सवार होते है
और जब समय डूबता है,तो परिस्थिति सबसे पहले हाथ छुड़ाती है...✍️-
अब रिश्ते तो सिर्फ़ पैसों के रह गए हैं
जिनकी बोली घरों में नहीं ऊंची मीनारों पर लगती हैं ... ✍️-
जिस दिन पुरुष स्त्री का हर
स्वरूप में सम्मान करना सीख जाएगा
उस दिन इंसान तो क्या स्वयं
भगवान भी जिंदगी के हर मोड़
पर उसके साथ खड़े पाएंगे...✍️-
उस दरिया में डुबकी लगाना छोड़ देना चाहिए
जिस दरिया से कभी नौका पार नहीं हो सकतीं...✍️-
ये कैसी विडंबना हैं...
जब जब कोई स्त्री अपने
अधिकारों के लिए लड़ी है
तब तब ये दुनियां उसे
"ये कैसी निर्लज्ज स्त्री है"
ये कहने के लिए खड़ी है...✍️-
एक वक्त ने आधारशिला रखी थी एक रिश्ते की
कुछ बे वक्त खत लिखे थे उन दरख्तो पर उनके
कभी मिटाया गया था उन्हें एक उंगलियों से
कुछ निशान थे वहां पर उन खूबसूरत पलों के
कुछ आजादिया सी लगती थी उनके आने से
एक तूफ़ान सा उठता था उन पतझड़ों के पत्तों से
सुर्ख हो जाती थी वो टहनियां भी अक्सर
शोक मनाते थे वह वृक्ष भी उस मिलन से अक्सर
एक बूंद की आस में प्यासे थे वो इस क़दर
मुख मोड़ कर बैठी थी वो बैरी सी बारिश
रुख बदलेगा शायद एक दिन उन फिजाओं का
रश्क करेंगी वो हवा उस मिलन की बेला पर
बूंद जब टकराएगी एक कोमल सी कली पर
स्पर्श होगा वो एक सुनहरा फिर हस्त से हस्तो का
रंक फिर बनेगा एक दिन राजा कहानी का
कोमल सी कोपल को यह एहसास प्यारा है
हरित होती हुई दरखतों का राज़ न्यारा है...✍️
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तेरे दिल में हम आबाद रहेंगे
तेरी यादों में हम साथ रहेंगे
तू क़िस्मत में हों या ना हों
तेरे ख्यालतों में हम ज़िंदा रहेगें...✍️-
एक दोस्त की यादों की कुछ शर्ते उधार रखी है
हनमे उनकी दोस्ती में कितनी रातें उधार रखी है
कभी आओ कुछ दिन ठहर जाओ जरा
हमने भी आपकी कुछ बातें उधार रखी है...✍️-
के एक शख्स ने हमारे क़िरदार की गवाही मांगी
और हम खो बैठे सभी कुछ
फिर हमने भी उनसे बेवफाई मांगी...✍️
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