भरी बरसात में जैसे ...
आँखें छलक जाती हैं ,
मिट्टी की सौंधी खुशबू जैसे...
मन को सुकुँ दे जाती हैं ,
तेरी याद यूँ आती है..
भरी धूप में जैसे..
छाँव की ठंडक दे जाती है,
दूर से आता जैसे डाकिया कोई..
खाली खत पढ़वा जाता है,
तेरी याद यूँ आती है...
दिल में हजारों एहसास ..
जगा जाती है...!!
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