हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ,
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है।-
जब हम न हों...
बातें ऐसी करो कि जज्बात कम न हों,
ख़यालात ऐसे रखो कि कभी ग़म न हो,
दिल में अपनी इतनी जगह देना हमें दोस्त,
कि खाली खाली सा लगे जब हम न हों।-
उनके साथ रहते रहते उनसे चाहत सी हो गई,
उनसे बात करते करते एक आदत सी हो गई,
एक पल वो हमे न मिले तो दिल बेचैन हो जाता है,
उनसे दोस्ती निभाते निभाते उनसे मोहब्बत सी हो गई।-
ये ठंडी हवाएं , काली घटाएं , मस्त फिजाएं ,
हर बार ही कुछ कहती हैं, पर सुनाई जब देती हैं,
जब वो साथ मेरे होती है।-
कर दे नज़रे करम मुझ पर,
मैं तुझपे ऐतबार कर दूँ,
दीवाना हूँ तेरा ऐसा,
कि दीवानगी की हद को पार कर दूँ,-
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।
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मेरी निगाह में फिर कोई दूसरा चेहरा नहीं आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।-
मेरे वजूद में काश तू उतर जाए,
मैं देखूं आइना और तू नजर आये,
तू हो सामने और वक्त ठहर जाए,
और तुझे देखते हुए जिंदगी गुज़र जाए।-
अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है,
मेरे जज़्बात वाकिफ से है मेरी कलम भी,
प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।-
धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है,
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है,
तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नहीं देता,
हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है।-