ये तुम्हारी आँखों को क्या हो गया है?
सुना है, अब हम तुम्हें अच्छे नहीं लगते।-
जिससे चरित्र मिलता है
वही तो मित्र बनता है
जहाँ किरदार मिलते हैं
वहीं तो यार बनते हैं।।-
ये तुम्हारे कानों को क्या हो गया?
सुनी सुनाई बातों पर यक़ीन कर लेते हैं।-
जब बैठूं अकेले तो आंखें भर आती,
छुटे कुछ दोस्तों की याद आ जाती।
बचपन की वो नि:स्वार्थ सी दोस्ती,
अहसानों में नहीं अहसासो की डोर में बंधती।।
जब बैठूं अकेले तो आंखें भर आती,
बारिश में छाता, विकट की सारथी।
कुमार्ग से , रोशनी की राह दिखाती,
मन की बातों को सिर्फ तुम बिन कहे जानती ।।
जब बैठूं अकेले में तो आंखें भर आती,
सांसों में घुल-मिल, विश्वास को परखती,
न घृणा न अंहकार , प्यार की दौलत मिली,
बड़ी मुश्किल से होती है ज़माने में एक सच्ची दोस्ती।।
जब बैठूं अकेले में तो आंखें भर आती,
बातों का पिटारा तेरे सामने ही खुलता।
अनसुलझी पहेली को तु ही सुलझाती,
अनगिनत सफर में मिले साथी, मन तुम्हें ही तलाशती।।-
मित्रता दिवस के पावन मौके पर,,,
आप सभी मेरे लिए testi लिखने के लिए
Invited है😂😂😂😂😂-
Happy friendship day
न तो रुतबे से मिलते हैं न कीमत से मिलते है .
सच्चे दोस्त तो अक्सर किस्मत से मिलते है .
किसी हाल में भी किसी दोस्त को न खोना ,
ये वो हीरे हैं जो बड़ी ही मुश्किल से मिलते हैं .
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें-
🌺🌿 मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई सबको🌿🌺🤝🏻🌺🌿
चंद अजनबी लोग
यूं ही इत्तफाक से टकराने लगे
चंद बातें कुछ मुलाकातें
कुछ हम अपनी कुछ वो अपनी सुनाने लगे
सबके घर और घराने जुदा जुदा से थे
मगर फिर भी अनजाने ही करीब आने लगे
समझ न आया क्या नाम दूं इनको
मुझे मेरे होने का ये एहसास कराने लगे
क्या इसी को दोस्ती का नाम दे दूं में
ये सब मुझे मित्रता का एहसास कराने लगे
शुक्रिया 🙏आप सबका मेरे "yq" के मित्रो
आपसे मिलकर मुझे मित्रता के मायने समझ आने लगे🤝🏻
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माँगूँ दिल से मन्नतें, मैं तो बार हज़ार ।
रहे प्रफुल्लित, पल्लवित, मित्रों का संसार ।।-