Ashish Awasthi   (ख़ाक)
7.3k Followers · 88 Following

read more
Joined 14 May 2017


read more
Joined 14 May 2017
1 JAN 2023 AT 23:01

इस कदर तुमसे मुहब्बत बढ़ रही है दिन ब दिन
चाँद बढ़ता है शब-ए-पूनम की जानिब जिस तरह।।

-


14 AUG 2022 AT 14:24

आख़िरी नुक़सान जीवन से
सब कुछ ले जाता है।।

-


12 JUL 2022 AT 22:08

!! पापा !!
(अनुशीर्षक में पढ़ें)

-


6 JUN 2022 AT 16:28

शहर की पक्की छतें भी गुफ्तगू करने लगीं
गांव जाकर पेड़ से कुछ छांव लानी चाहिए।।

-


26 MAY 2022 AT 10:38

लब से छूकर लाएंगे तूफ़ाँ तुम्हारे जिस्म में
फिर बदन में उठ रहा सैलाब देखेंगे सनम।।

-


22 MAY 2022 AT 0:13

कह रहा है दिल कि वापस चाँद देखेंगे सनम
यानी फिर से हम तुम्हारा ख़्वाब देखेंगे सनम।।

-


28 MAR 2022 AT 13:31

मोहब्बत सोहब्बत कहाँ से करें
घर चलाने से है जिनको फुरसत नहीं।।

-


26 MAR 2022 AT 20:16

तुमने हमको देख कर भी मोड ली नज़रें सनम
इस गली में अब हमें क्यों कर ही आना चाहिए।।

-


26 MAR 2022 AT 20:08

आये जो दिल में करो ये ठीक है, बेहतर भी है
पर किसी को भूल कर भी अश्क़ मत देना कभी।।

-


18 MAR 2022 AT 12:47

सात रंगों से भरी थी ज़िन्दगी पहले पहल
पर ये सारे रंग अपने संग तुम लेकर गए हो।।— % &

-


Fetching Ashish Awasthi Quotes