घर की दहलीज से बँधी लड़कियाँ,
जब प्रेम में पड़ती हैं.... तभी हो जाता है क्रांति का आरंभ।-
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मां छिन्नमस्ति... read more
वो तकरार करती है मुझसे अंग्रेजी सीखने को,
वो क्या जाने जुबां पर कैसे फबती है हिंदी!-
हाँ!
यह सत्य है कि प्रकृति से सुंदर कुछ नहीं होता।
सत्य यह भी है कि सुंदर दृष्टि का "द्दोतक" है प्रेम।
अगर मुझे लिखना हो पर्याय सुंदर का...
तो मैं लिखूँगा "तुम्हारा नाम"
और प्रेम के पर्याय में लिखूँगा
तुम्हारे हाथों लिखी "चिट्ठी"।-
लगन के दूसरे दिन ही
श्वेत वस्त्र धारण करने वाली लड़कियां
हरसिंगार के पुष्प सी होती हैं!
और उनके प्रेम में पड़े लड़के,
पुष्प के केंद्र का पीला रंग!
•••
सुनो प्रेम...!
तुम हर संभव तलाशना....
हवन कुंड में भस्मित प्रेमिका की हंसी!
उनके श्वेत वस्त्र में छुपा सप्तरंग!
उनके होंठों में बसा बोगनवेलिया का गुलाबीपन
और उनके पैरों से अदृश्य होती गुलमोहर की लाली!
मैंने सुना है...
हरसिंगार के प्रेम में पड़े लड़के
होते हैं शिव का ही अंश!
जिनके स्पर्श से प्रेमिकाएं पाती हैं सती सा गौरव!
वे सामाजिक कुरीतियों से डरते नहीं,
लड़ते हैं।-
बाबूजी से बतियात बकत बुझाला जईसे
आसमाने से बतुयात बानी।
आसमान जानेला दुनिया भर के बात
एला बाबूजी से बतियाए से
हमरा दुनिया भर से भेट हो जाला।
दुनिया घूमला से निमन होला
बाबूजी के संगे घूमल।
बाबूजी के संगे घूमला से
आसमान नापे में देरी न लागेला।।
(लेखक:- पवन कुमार वैष्णव)
(भोजपुरी अनुवाद:- जयकणिका🇮🇳❤️)-