आ डोर प्रित कि है बांध लू के
थारे संग म्हारो नाम जोड़ लू के
थांसू हैं कित्तो प्रेम अर हेत म्हानै
थे केहवे तो आ बात सब ने बता दूं के।।❤️-
राजस्थानी प्रोफाइल मायने आपरो स्वागत है ।
हिलमिल ने आपरी भासा रो मान... read more
देखो रस्तो बिं को जो कह गया
म्हैं पाछौ आउळा जरूर।
थारे संग किदो'डा वादा
निभाऊं 'ला जरूर।।
बे आवणो भुल सके
पर म्हैं आज भी बि कि
उडिक में रस्तो देखणो नि।-
आभे निरखूं चाँद ने
मेडी माथे निरखूँ किण ने
भंवर बैठ्या परदेस में
फोठू दैख ने हरखूँ मन ने।
बाईसा री कलम-
नज़र तो यूं ही बदनाम है
किसी को ग़र मोहब्बत भी
लग जाए ना......
“चीर के रख देती है"।
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मजळा रो कोई ठिकानो कोनी
बटाऊ बन निकळ्या हो घर सूं
बटेऊ सी जिंदगी कोई होरी नि
घर रा ताना अर आपा रा ओळमा
ळेर सांगे चाळ्यो हूँ पण.....
मजलां रो कोई ठिकानो कोनी।
सगळा री न्यारी न्यारी मजलां
कोई नौकरी रे ळारे तो कोई प्रेम
खातिर चाळ्यो है बण ने बटाऊ।
न तावड़ो देखें न उथल पाथल पथ
पैरा में चपळा कोनी पण कालजे
राखी हिम्मत घणी जे ठान लियो है
तो कर दिखलावी ।
आ बटेऊ सी जिंदगी होरी कोनी
पण मेहनत म्हारी केहवे इक दिन
मजलां मिलसी जरुर।
©बाईसा री कलम-
बुलाने से तो हर कोई आ जाता है
मैं चाहती हूं तुम किसी न किसी बहाने से आ जाओ ।-