तुम्हारी...!...जिंदगी के उन खास पलों में.. जिनमें मैं खुद को शाश्वत महसूस कर सकूं.. सुरक्षित रख सकूं अपना वजूद तुम्हारे पहलू में.. और..फिर तुम संवार दो, मेरी सारी अधूरी ख्वाहिशें... ये कहकर कि,हां....जरूरत है मुझे भी तुम्हारी....!! बस मेरे लिए और बस मेरे लिए..... ❣️🌷🌿
अपने विचारों को ऐसा चंदन बनाइये कि जहाँ तक भी पहुँचे सिर्फ स्नेहिल महक ही आए.. और..जलेबी सिर्फ मीठी ही नहीं एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है.. कि खुद कितने भी उलझे रहो पर दूसरों को हमेशा मिठास ही दो...!!
"चिंता" और "परवाह" मे बड़ा अन्तर है... एक चिंतित व्यक्ति का ध्यान सिर्फ समस्या पर ही केंद्रित होता है और... परवाह करने वाला व्यक्ति समस्या के निवारण पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।