QUOTES ON #महाराणा_प्रताप_जयंती

#महाराणा_प्रताप_जयंती quotes

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सूर्य के ताप सा प्रचंड था उसका सिंह सा दहाड़ था
मेरा भारत जिसपर गर्व करें वो महाराणा प्रताप था

उसके रक्त में उबाल था इस भारत का वो लाल था
सत्य की ढाल था खो दिया ये भारत को मलाल था

मुछे और भाले की हुंकार उसके क्रोध का अंजाम था
और चेतक की रफ़्तार दुश्मन के अंत का पैग़ाम था

वो धरती माँ और माँ के चरणों मे शीश झुकाता था
पिता व प्रजा के आदेश को ईश्वर तुल्य बताता था

मेवाड़ी धरती का कण-कण उसको लाल बुलाता था
उसकी तलवार की खनक से दुश्मन भी घबराता था

रक्तटीका चढ़ा मिट्टी को मिट्टी का तिलक लगाता था
महाबली वो महावीर महाराणा प्रताप कहलाता था

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जिसने अपनी वीरता से लहराया परचम
जिससे थर्र थर्र कांपते थे दुश्मन
क्रांतिकारी महाराणा प्रताप को नमन
मुग़लो की गुलामी से निकल
हिंदुओं का एक नया साम्राज्य बनाया
राणा ने ही हिंदुओं को गौरव दिलाया
खून से लथपथ धरा को बनाया चमन
क्रांतिकारी महाराणा प्रताप को नमन
उजड़ने की कगार पर थे औरतों के सुहाग
तभी दुश्मनों की बस्ती में लगाई आग
घास की रोटी खा जीत वतन
क्रांतिकारी महाराणा प्रताप को नमन

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9 MAY 2021 AT 11:21

कैसे गाए मेवाड़ के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप आपके पराक्रम और शौर्य की गाथा।
सुना है सपने में भी अकबर महाराणा प्रताप
का नाम सुन कर भी काँपता था ।

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31 MAR 2020 AT 14:46

In the honour of
Chetak
Read the poem below in the caption and don't forget to to give your valuable and precious comments so that I can descover; how about my writing skills?

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9 MAY 2020 AT 16:26

तुम अजर-अमर हो महाराणा, प्रणाम तुम्हें मैं करता हूं।
मैं भी तेरा वंशज राणा, तेरे चरणों में वंदन करता हूं।

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9 MAY 2022 AT 17:49

राणा सांगा के थे वंशज
राजपूती थी इनकी शान,
रहते थे प्राण निछावर करने को
तत्पर, मेरे देश का थे अभिमान,
हल्दीघाटी में बह गई रक्त की धारा
अरिदल मच गई चीख पुकार,
फीका पड़ता था तेज सूरज का
राणा की निकलती थी जब तलवार ,
जिसके त्याग और बलिदान पर पशु भी गौरव करते थे
प्रेम देख राणा का चेतक जैसे घोड़े उनकी खातिर मरते थे
अकबर जैसे शत्रु भी दिल में प्रेम उनसे करते थे
सपने में देख महाराणा प्रताप को वो डर जाया करते थे
महलों का सुख छोड़ जंगल में रात बिताया करते थे
छोड़ पकवानों को घास की रोटी भी खाया करते थे
बेटा खोया बेटी खोई पर आंखों ने ना नीर दिया
धन्य है मेवाड़ की धरती जिसने ऐसा महान हमें वीर दिया

नमन तुम्हें है वंदन मेरा बारंबार शीश झुकाते हैं
जयंती पर आज हम आपके शौर्य की गाथा गाते हैं
_saritamahiwal

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9 MAY 2021 AT 14:25

गाई आज भी जाती है जिसकी सारे जग में गाथा।
ऐसे शूरवीर के आगे टेका था अपना मुगलों ने माथा।

हार के भी जो जीत जाए उनके जैसा और वीर कौन था।
जिसकी सिर्फ तलवार से रूह कांप जाएं ऐसा और शुरवीर कौन था।।।


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"सिर ललाट चहुँओर चमके
दिखे तेज सूर्य समान
दुश्मन जिसके नाम से धूजै
महाराणा था वो अभिमान"

प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणि स्वाभिमान के पर्याय
"महाराणा प्रताप" के जन्मदिवस पर आपके
श्री चरणों में श्रद्धा सुमन एवं कोटि कोटि नमन।

©कुँवर की क़लम से...✍️

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“चेतक पर चढ़ जिसने, भाले से दुश्मन संघारे थे।
मातृभूमि की ख़ातिर जिसने, जंगल में कई साल गुज़ारे थे।”

#IndiasPrideMaharanaPratap

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6 JUN 2019 AT 15:08

इतिहास के पन्नों में नाम छपा शिरोमणि वीर,
जिसे सिर्फ स्वन्त्रतां से था प्यार।
वीरता और दृढ़ प्रण के लिए हो गया जो अमर,
जिसकी मृत्यु पर दुश्मन भी रो पड़ा अकबर।।

वो ही मेवाड़ की आन बान शान,
जिसे था अपनी धरा का अभिमान।
जो था सिर्फ एकलिंग दीवान ,
रख हाथ में भाला कर मेवाड़ धरा का मान ।।
(अनुशिर्षक में पढ़ें 🙏😊)

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