आज भी आ रही हो ✍️अजय बिश्नोई "मतलबी"
मैने गलती की है बार बार मुझे बता रही हो
बस प्यार जैसे अकेले तुमने ही किया दुःख इतना जता रही हो
भूल जाऊं तुमको जल्दी जल्दी इसलिए मुझे ज्यादा सता रही हो
ख़्वाब में तुम आज भी आ रही हो ✍️अजय बिश्नोई "मतलबी"
मैं कैसे धोखा कर रहा था रील भेजकर मुझे दिखा रही हो
अतीत के वो पल जो कभी भूल ना पाते वो तुम भुला रही हो
माफ़ तुम कर नहीं रही और माफ़ी भी बार बार मंगवा रही हो
मुझे दफन करने के लिए कितनी गहरी कब्र खुदवा रही हो
ख़्वाब में तुम आज भी आ रही हो
✍️अजय बिश्नोई "मतलबी"
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लिखता हूँ तो बस यहीँ खो जाता हूँ ✍️
तभी तो इतना स... read more
बताऊं मैं की क्यों होना पड़ा मुझे मतलबी
सब अपनी जरूरत के अनुसार आए और छोड़ते गए
ज़रा सा ना परखा मुझे और बेवजह तोड़ते गए ✍️अजय बिश्नोई "मतलबी"
थोड़ा सा वक्त दिया नहीं मुझे दलदल की तरफ मोड़ते गए
कुछ हसीनाएं आई बोली तुम पहले हो जिससे ये बात की है
मैं भी पागल था सोचा प्यार तो करती ही है इसलिए काली रात की है
मुझे नहीं पता था उनका रोज का था बेशक मैने आज शुरुआत की है
यहां वो तो खेल सा कुछ खेल रहे थे मुझे पड़ी जज्बात की है
आंसुओ के दिखावे दिखाए और हंसी मेरी मसल दी ✍️अजय बिश्नोई "मतलबी"
मैं सपनों के घर बना रहा था वो किसी और संग चल दी
दोस्ती के जनाजे आंखों के सामने से यूं गुजरे की मैं हो गया तलबी
बस इन सब में होते होते हो गया मैं मतलबी
✍️अजय बिश्नोई "मतलबी"
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कहे अजय,
ए तानाशाह रोक अपनी तानशाही
और अपना रवैया बदल लो
कहे अजय बिश्नोई 'मतलबी',
फ़िर भी ना माने ये हिटलर
तो छोड़ पार्टी का रोना इसके विरोध में चल दो
कहे अजय,
जो ठेस पहुंचाएगा समाज के भावों को
उसे किसी मर्दा के भाँति पैरों से कुचल दो
कहे अजय,
भूल जो इबके हुई हम मर्ग को बचा ना पाए
तो अपने विचारों को कहीं मचल दो
कहे अजय,
बस एक बात हमारी मान लो हिटलर जी
हम नही कहते कि हमारी आस्था में दख़ल दो
#Save Animals_Save Deer-
मैं नज़्म वो मेरी साँस है
बात बात में टोकते रहते है
पर उनकी बातों में अपनेपन का अहसास है
"अजय" की खुशियों में बेशक़ राब्ता ना करे
पर मेरे दुःख में होते हमेशा मेरे पास है
दिल के तो बेहद क़रीब है
लेकिन थोड़े बहुत विरोधाभास है
बात तो रोज़ नही हो पाती
पर मेरे दोस्त मेरे लिए ख़ास है-
हीर राँझे की मिसाल तो नही पर राम सीता सी जोड़ी है
एक दूसरे का साथ निभाने के लिये कई सरहदें तोड़ी है
हर किसी को आपके जैसा जीवनसाथी मिले जरूरी थोड़ी है
मामी मामी जी को मुबारकबाद दिए बिना "अजय" ने कलम कहाँ छोड़ी है
विवाह सालगिरह की बहुत बहुत बधाई मामा-मामी जी✍️🌹❣️
✍️अजय बिश्नोई-
अकेलेपन में जो याद आये
हर दर्द में जो ममता का मरहम लगाए
मेरी खुशी में ख़ुद का दुख भूल जाये
मेरी खुशी के लिए पापा से डाँट खाये
जो मुझे हर विपदा से लड़ना सिखाये
खुद ठंडा खाकर मुझे गर्म खाना खिलाये
वो मेरी "माँ" है सिर्फ मेरी "माँ"
👸माँ तेरे जैसा कोई नही💖-
धुंध तेरी यादों की,
जिसमें खोए खोए हम
तुझे क्या पता सनम,
तेरे जाने के बाद कितने रोये हम
आग जज़्बातों के लगी,
अब इसको अश्कों से धोएं हम
तूने पीछे मुड़कर देखा नही,
उसके बाद चैन से नही सोये हम
"अजय" ठहरा बस "मतलबी"
इसीलिए तेरा हर पल रखे है सँजोये हम-
जो जा चुका है वो तेरा था ही नही
भला अब बार बार रोने से क्या होगा
अब रो रोकर सुख चुके है आँसू
अब आँखों को पानी में भिगोने से क्या होगा
ए महबूब तूँ अंदर से तोड़ कर गया है
अब झूठे मन से तेरा होने से क्या होगा
जिन ज़ख्मो की इल्म ही नही "अजय" को
उन जगहों को दवाई से धोने से क्या होगा-
जिंदगी गहरा समंदर है
ख़ुद को मझधार में उतारते रहिये
जाने कब क्या हो जाना है
बस दिन ब दिन ख़ुद को निखारते रहिये
नशा ख़ामोशी का बेहद हो जाएगा
अपना दरिंदगी वाला नशा उतारते रहिये
जाने कब मन्द पड़ जाए लो
बस इसीलिए चिंगारी को पुकारते रहो
"अजय" तुम चुनिंदा में नही हो अब तक
आओगे कभी इसी उम्मीद में ख़ुद को पुचकारते रहो-
"अजय" सच में नही है स्क्रीनशॉट भेज देता हूँ
यार पहले बताना था अब तो कहीं और भेज दिए
पड़े तो है पर कुछ मुझे भी एडजस्ट करने है
बस सबका अपना और अलग बहाना है
और अपने ख़्याली पुलाव बंनाने छोड़ दूं
इन सब से मैं भी कुछ सीखूँ
कि चाहे किसी के लिए तूँ जो भी है
पर तुझे अपना बेकअप ख़ुद ही बनाना है
स्क्रीनशॉट सबने पहले से कर रखे तैयार है
अब अपने अंदर झांकूँ की मेरा कैसा व्यवहार है
तूँ बस एक कठपुतली बनकर रहेगा "अजय"
तो सबने तुझे ऐसे ही इशारो पर नचाना है-