शीर्षक - ।। एक विचार और एक शायरी ।।
1.👇
हर वक्त क्या लिखूँ सोचते रहे तो कुछ नही लिख सकते । जब हम केवल इसीलिए बैठते हैं कि कुछ लिखना है तो हम कुछ नही लिख पाते । लिखनेवाले के भीतर अचानक से अल्फ़ाज़ों के तरंग उसके कलम के स्याही को भेदते हुए कोरे कागज को भर देते हैं ।तब दिल और दिमाग को साइड रख केवल आत्मा की सुनना होता है।
2.👇
" तुमसे बात
करने के लिए
मुझे बोलने की
ज़रूरत नहीं पड़ती "
-