जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ! ❤️🎂☺️☺️
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#महाराणा_और_चेतक
#मनुष्य_और_नाग
#श्री_राम_प्रतिज्ञा
#राम_वा_राव... read more
सबसे पहले तो क्षमा क्षमा क्षमा कल कहा था और आज लिख रहे हैं , वो समय नहीं मिल पाया - पर गौर
करने वाली बात ये है कि ... वादा .. तो निभाया ! 😝😂— % &-
एक मतला एक शेर -
एक तुझसे पहले ,बाद नहीं देखा था
कल्ब ऐसा गहबर ,साद नहीं देखा था ।
एक मुद्दत गुजरी , हम छत पर ना सोए
एक मुद्दत गुजरी , चाँद नहीं देखा था ।-
कालिदास व मेघदूतम्
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भूमिका - ज्ञानार्जन करने के बाद जब कालिदास घर लौट के आए तो अपने मेघदूत काव्य रचना में इतने व्यस्त थे कि अपनी पत्नी की ओर ध्यान ही नहीं दीया इसी से व्यथित होकर विद्योत्तमा कहती है शायद उसके कटु वचन जो उसने क्रोध में आकर बोल दिए थे उसी वजह से उसके प्रियवर आज उससे बात नहीं कर रहें हैं अथवा उन्होंने किसी और से प्रीति लगा ली है क्योंकि पुरुष का तो स्वभाव ही ऐसा होता है l
शेष कविता में - ( please do read caption )-
चित्त चकोर वाणी रसाल
उर में है उद्गार लिये
कूज जैसे कूक है
टीस लिये अनुराग लिये
कंट कंट को कूट कूट कर
नव लावण्य प्रसाद भरूँ
मन करता है क्या मेरा ?
कर कमलों में वीणा रख दूँ
नाम तुम्हारा मीरा रख दूँ I-
महादेव का
नाम
लेते ही
तुम
खुश हो
जाती हो ना ?
ये BG
इसलिए 😛-