एक कहानी है, पर बहुत पुरानी है रोज रात को सोचता हूं कल सुबह दोस्तों को सुनानी है सुबह होती है.... दोस्त मिलते हैं.... सारी बातें होती हैं... पर वो बात नहीं होती जो उन्हें बतानी होती है क्या करे चाय की चुस्की और दोस्तों की महफ़िल सारे गम भुला देती है इतना हसाते हैं इतना हसाते हैं की पता ही नहीं चलता इन आंखों में भी कोई पानी है। खैर ये कुछ यारों की ही यारी है जो रोती आंखों को भी हंसना सीखा जाती है.....
एक कहानी है, पर बहुत पुरानी है रोज रात को सोचता हूं कल सुबह दोस्तों को सुनानी है सुबह होती है.... दोस्त मिलते हैं.... सारी बातें होती हैं... पर वो बात नहीं होती जो उन्हें बतानी होती है क्या करे चाय की चुस्की और दोस्तों की महफ़िल सारे गम भुला देती है इतना हसाते हैं इतना हसाते हैं की पता ही नहीं चलता इन आंखों में भी कोई पानी है। खैर ये कुछ यारों की ही यारी है जो रोती आंखों को भी हंसना सीखा जाती है.....
उसकी चाहत में मैं खुद को ही भूल गया था खुदा करे उसे मुझसे भी सुंदर महबूब मिले टिकते नहीं है जिसके कदम किसी एक जगहं पर खुदा करे उसे हर शहर में एक नया महबूब मिले।
हमारी हकीकत आप हमको न बताइए हम जो हैं सो है हमारी पहचान हमको न बताइए आप मुस्कुराइए आप गलत नहीं साबित हुए न हम क्या कर रहें हैं हमको पता है आप हमको न बताइए ।
आज घर होता तो मां कितनी खुश होती मेरी आहट सुनते ही वो गुलाब की तरह खिल उठती बस मां ही नहीं है वो, मेरी पूरी दुनिया है एक बार प्यार से जब बेटा कहती,मेरी तो किस्मत खिल उठती।
लाखों हैं बेड़ियां जिनके पैरों में, क्या उनके कंधों पे जिम्मेदारियां नही, क्यूं मासूम समझते हो इस युग की औरतों को, क्या इस युग में विरांगनाओं की कहानियां नहीं।