आजकल वो हमारी बातों का मतलब ना समझते हैं ना समझने की कोशिश करते हैं।
लगता हैं जैसे हमसे जुड़ा हुआ उनका
मतलब अब पूरा हो गया हैं।-
चाहत में पाना नहीं साथ जरुरी होता है,
और रिश्तों में मतलब नहीं एहसास जरुरी होता है...-
मुझसे की है मोहब्बत बे-मतलब की ऐसा तू दावा मत कर
जो चाहे गर तो ना हो मेरा मेरा होने का तू दिखावा मत कर-
आमदनी अठन्नी और खरचा रुपइया है
ना यहाँ कोई बहन ना ही कोई भईया है
स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं हम
पर गंदी तो हमारी सबकी गंगा मईया है
बेवजह धर्म के नाम पर लड़वाना ठीक नहीं
किसी की वो माँ तो किसी के लिए गईया है
दूसरे की इज्ज़त को मिट्टी में मिलाना चाहा
जब की ख़ुद ही मंझधार में सबकी नईया है
कौन छोटा और कौन बड़ा होता है साहब
अपनी कसमों में मार रखी हमनें मईया है
ज़िन्दगी और बन्दगी दोनों ही भूल गये सब
इन्सान की फ़ितरत ही एक भूलभुलइया है
किसी को किसी से कोई मतलब नहीं यहाँ
जाम हो चुका ज़िन्दगी की गाड़ी का पइया है
औरत की इज्ज़त को ही ना समझा "आरिफ़"
तब फ़िर क्या कान्हा और क्या कनहईया है
"कोरे कागज़" पर लिखते जा रहें है सभी पाप
कोई नही बचेगा भगवान बहुत बड़ा बजईया है-
ये दो शब्द
जिन्होंने मेरी ज़िंदगी बदल दी
जिसको मेरे होने से ना होने तक मतलब था
जिसको मेरी हर बात से मतलब था ।।
आज उसके उन्ही दो शब्दों ने मेरी
मेरी ज़िंदगी बदल दी ।।-
उनकी गोल गोल बातों का चाँद बनाया हमने
अब बातें ही झूठी तो ग्रहण लगना लाज़मी था।-
लग रहा था हमें कि आप बातें सब समझते हो
कहां मालूम था कि खुद को ही रब समझते हो
गर इश्क़ को इश्क़ ही रहने दो तो बेहतर होगा
मगर आप तो इश्क़ को जान-ओ-मज़हब समझते हो
वक्त लगता नहीं बात बनती हुई बिगड़ने में
खत्म हो जाए जब सब आप बातें तब समझते हो
नदामत में कहीं गुज़र ना जाये जिंदगी अपनी
हमारी जिंदगी को आप बेमतलब समझते हो
नहीं है कोई ऐसा जो हमारी बात को समझे
हमारी बात का आप अलग ही मतलब समझते हो
कभी जो याद आ जाएं हमें बस कॉल कर लेना
सभी को भूल जाना ही मगर करतब समझते हो-
कोई नही पूछता अपने मतलब के अलावा किसी को,
मैंने देखा है सूखे पेड़ो पर परिन्दे भी बसेरा नही करते!-