हर दर्जे से बड़ा है उसका दर्जा,
वो हर अस्तित्व की कहानी है,
बेटी है तो रहमत है,
बहन है तो शराफ़त है,
बीवी है तो चाहत है,
माँ है तो जन्नत है,
हर रूप में उसका स्वरूप,
यही है नारी का अदभुत रूप।-
जन्मों जनम की अरदास है,
बेटी तो वो आशीर्वाद है,
वो तो जन्म लेती है नसीब वालो के घर,
अपने कुल से सजाती किसी और कुल की साज,
जन्म लेती है बेटियां सिर्फ़ उनको घर द्वार,
ख़ुदा ख़ुद बसता है जिनके घर द्वार,
मिलता है सरताज़ सिर्फ़ उनको बेटियों का,
समझें जो मूल्य बेटियों का आज।।-
कैसे कह दुँ मैं.........कि मेरी हर दुआ बेअसर हो गयी,
मैं जब भी चुपके से रोया मेरे भोलेनाथ को ख़बर हो गयी।-
तू लिख तो सही फ़रमान अपनी मोहब्बत का,
मेरे नाम......
तब हम तुझें अपनी ज़िंदगी कहेंगे साहब!!-
हिंदी से पहचान हमारी,
हिंदी है शान हमारी,
हम गर्व से कहते है,
हिंदी है भाषा हमारी,
हम भारत के वासी है,
हिंदी है मातृभाषा हमारी,
हिंदी से है नाता हमारा,
हिंदी हमारा अभिमान है,
हम हिंदी देश के भाषी है,
हिंदी से ही है मान हमारा!!-
अब होती नही उनसे गुफ्तगू देर तक हमारी,
बहुत दिनों से....हमारा इतवार नही आया।-
अधूरा चांद, अधूरा इश्क़,
अधूरी सी ही बंदगी,
मेरे तो हो....पर,
मेरी जिंदगी में नही,
फिर ये कैसी जिंदगी!!-
हो अगर आरजु क़भी दिल की तो बता देना,
कभी चुपके से आ कर हमें गले लगा लेना!-
मैं कैसे कह दू कि उसे प्यार नही है मुझ से,
वो कॉफी छोड़ मुझ संग चाय जो पीने लगी है!-
महसूस नही होने देते,
पर दिल मे रखते है,
हमें कब कौन सी चीज चाहिए,
पापा उसकी फ़िकर रखते है!-