Mahi Sajara  
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Joined 11 January 2021


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Joined 11 January 2021
31 DEC 2024 AT 21:42

भूल जाओगे जिसे तुम नए की खुशी में ,
वह साल भी तो कभी नया था l
इतनी खुशी होती है किसी के आने से ,
तो फिर उसे क्यों याद करते हो , जो छोड़ कर गया था l कुछ यादें बस्ती है बीते वक्त के साथ ,
वह फुर्सत के पल हम फिर पाना चाहते हैं l
अब यह सब मुमकिन तो नहीं l
अगर होता हमारे बस में तो ,
हम नए साल में आना ही नहीं चाहते l

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15 JUN 2024 AT 15:37

कल रात को मैंने एक सपना देखा है |
जो कभी गैर हुए ,
उन्हें फिर से अपना देखा है |
यह मुमकिन तो नहीं पर ,
दिल को सुकून देने वाला है |
हकीकत होती तो क्या ही बात थी ,
मगर मैंने तो एक सपना देखा है |

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21 AUG 2023 AT 13:35

जिंदगी में किसी का
कुछ पल के लिए आना
और फिर
एकदम से चले जाना।

वो पल जिंदगी भर की यादें दे जाता हैं।

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18 AUG 2023 AT 17:50

इश्क-ए-इबादत
कोइ शायरी नहीं आती।
किस पर लिखूं
कोई वफ़ा याद नहीं आती।

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18 AUG 2023 AT 17:29

दिल खाली था
कोई आया ही नहीं ।
मैं कैसा हूं
कोई समझ पाया ही नहीं।

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28 FEB 2023 AT 7:42

इतनी खूबसूरत थी , मेरी बर्बादी
जमाने के आशिक उसे चांद का टुकड़ा कहते थे |

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16 FEB 2023 AT 14:24

हमें यह खामोशी तोहफे में मिली हैं ,
तोहफे तो अक्सर महबूब दिया करती थी |

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11 FEB 2023 AT 7:39

मोहल्ले में चर्चे थे मेरी शराफत के
गुस्ताख दिल गुनाह कर बैठा
और
हम बदनाम हो गये

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2 FEB 2023 AT 19:46

तेरी याद में , इन आंखों के दरिया भी सूख गए ,
जब तुम्हें अरसों बाद देखा
तो यह दिल फफक पड़ा |

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1 FEB 2023 AT 18:40

तेरी मजबूरियों ने तन्हा कर दिया ,
जैसे हमने मोहब्बत नहीं
कोई गुनाह कर दिया |

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