भूल जाओगे जिसे तुम नए की खुशी में ,
वह साल भी तो कभी नया था l
इतनी खुशी होती है किसी के आने से ,
तो फिर उसे क्यों याद करते हो , जो छोड़ कर गया था l कुछ यादें बस्ती है बीते वक्त के साथ ,
वह फुर्सत के पल हम फिर पाना चाहते हैं l
अब यह सब मुमकिन तो नहीं l
अगर होता हमारे बस में तो ,
हम नए साल में आना ही नहीं चाहते l
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कुछ आप लिखिए
कुछ हम लिखते है|
चाहे गम लिखो चाहे खुशी|
महसूस करके लिखो या य... read more
कल रात को मैंने एक सपना देखा है |
जो कभी गैर हुए ,
उन्हें फिर से अपना देखा है |
यह मुमकिन तो नहीं पर ,
दिल को सुकून देने वाला है |
हकीकत होती तो क्या ही बात थी ,
मगर मैंने तो एक सपना देखा है |-
जिंदगी में किसी का
कुछ पल के लिए आना
और फिर
एकदम से चले जाना।
वो पल जिंदगी भर की यादें दे जाता हैं।-
इश्क-ए-इबादत
कोइ शायरी नहीं आती।
किस पर लिखूं
कोई वफ़ा याद नहीं आती।-
इतनी खूबसूरत थी , मेरी बर्बादी
जमाने के आशिक उसे चांद का टुकड़ा कहते थे |-
हमें यह खामोशी तोहफे में मिली हैं ,
तोहफे तो अक्सर महबूब दिया करती थी |-
मोहल्ले में चर्चे थे मेरी शराफत के
गुस्ताख दिल गुनाह कर बैठा
और
हम बदनाम हो गये-
तेरी याद में , इन आंखों के दरिया भी सूख गए ,
जब तुम्हें अरसों बाद देखा
तो यह दिल फफक पड़ा |-
तेरी मजबूरियों ने तन्हा कर दिया ,
जैसे हमने मोहब्बत नहीं
कोई गुनाह कर दिया |-