QUOTES ON #नसीब

#नसीब quotes

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16 JAN 2021 AT 4:43

अपनों को मनाना आता नहीं
यहाँ पूरा नसीब रूठा पड़ा है

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20 JUN 2017 AT 0:22

बिछड़ कर तेरी याद में हम आंसू बहा लेते है,
पर तेरे अश्क़ भी मेरे नसीब में नही!

दीवार पे टंगी तस्वीरे जवाब नही देती।

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7 NOV 2021 AT 22:02

ऐ नसीब,मिला दे मुझे उससे,
जिसकी मुझे तलाश है,,

जिससे बिछड़कर फिर नहीं मिला हूं,
जिसके हाथ के पानी का मुझमें प्यास है,,

आखिर तूने ही तो नसीब,
हमें जुदा किया था,
उसके लिए कुछ न कर सका,
तभी मेरे लब पे काश काश है,,

दिल की जज़्बात समझ न ऐ नसीब,
देख तो,उसके बिन ये दिल कितना उदास है,,

कैसे जुदा होकर जीते है दो दिल,
क्या उनके दुख दर्द का तुझे एहसास है,,

गम के अंधेरे में जिंदगी जीते है हम,
तू अंधेरे को दूर कर दे,तेरे पास तो प्रकाश है।।

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2 JUL 2020 AT 11:16

शौक से जो किया था इश्क उसने,
ये जिल्लत तो हमें नसीब होनी ही थी !

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10 JUL 2021 AT 23:36

कुछ लोगो को मिल जाता है सबकुछ
बस निकलते ही मुंह से आह,
बीन बोले कुछ मिल जाए हमे भी
ऐसा नसीब हमारा कहा?🙂😐

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21 APR 2022 AT 2:47

नसीब में मिलना न हो तो क्या हु आ
हम जुदाई तो कलम से लिख सकते है

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7 MAR 2021 AT 19:50

ना सिरा है कहीं
ना कहीं कोई छोर है,

यह ख़्वाइशों की राह भी नां
..ना जाने जाती किस ओर है,

कोशिशें जीने की तो जारी हैं ज़िन्दगी
पऱ कम्बख़्त तसव्वुर में कुछ औऱ है
औऱ मुक़द्दर में कुछ औऱ है!!

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23 JAN 2020 AT 21:08

मेरे नसीब में नहीं था पढ़ना लिखना
लेकिन अब तू मेरे जैसी मत दिखना

दुनिया एक बाज़ार है दौलत का सुन
कोई बेचना चाहे फिर भी ना बिकना

यहीं से मिलेगा तुझे अब सारा इल्म
इल्म ही सिखाएगा तुझे फिर चलना

सच की राह गर चले जो तू "आरिफ़"
चलने से फिर अब कैसा है ये डरना

बढ़ आगे "कोरा काग़ज़" थाम हाथ में
कलम सिखाती नहीं कभी भी झुकना

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7 OCT 2020 AT 10:14

_नसीब_

इश्क हसीन एहसास है गालिब
शिद्दत से चाहने वाला नसीब नही होता

देख कर दुहाई मांगती है दुनिया
के हर टूँटा तारा बदनसीब नही होता

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7 JUL 2020 AT 7:27

मुझे जरूरत नहीं

बनाये थे जो ख्वाब में हमनें, इस प्यार की तो वो मूरत नहीं।
गिला है तुमको ये निशानी, ताजमहल सी खूबसूरत नहीं।

मरती थी न मुझपे तुम भी, फिर ये बदला हुआ रंग क्यूँ
इजहार कहीं इकरार कहीं, ऐसे प्यार की हमें हसरत नहीं।

खर्च किया मैंनें खुद को तुझपे, पर तुम्हे गंवारा ना हुआ
ना हो कद्र जहाँ हमदम का, फिर वो असली मोहब्बत नहीं।

वादा करके जिंदगी साथ बिताने का, अब यूँ मुकर रही हो
नींव में खोखलें वादे हों गर, फिर तो मजबूत वो इमारत नहीं।

नसीब में ही नहीं तू शायद, मांगा तो था दिन रात खुदा से
अब नहीं सजदा किसी दर पे, तू नहीं तो तेरी इबादत नहीं।

तुम्हें कोई और पसंद है, जाओ खुश रहना उसके साथ
तुझे अब मेरी जरूरत नहीं, तो मुझे तेरी जरूरत नहीं।

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