सुनो हमारा हर वक़्त तुम्हारा है
तुम्हारा हर वक़्त खुशियों से गुजरे-
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रही बुराईया हम मैं " darjan नो " !
आपकी तो wholesale मैं हैं उसका क्या?-
गुनाह तो बहुत किए नेकी का पता नहीं
तस्लीम हम तस्लीम करते है औरो का पता नहीं-
आग ज़मीं पर
लगती है तो
धुँआ
आसमां से
पानी कि मदद
तलब करता है
क्यों कि
धुँआ
जानता है
आग लगाने वाले
ज़मीं पर रहते है-
तुम मिल जाओ तो ज़िन्दगी हो जाए
दिन beautiful महीने wonderful
साल success ज़िन्दगी successful-
वो कभी हुआ करते थे हमारे पर अब नहीं
कितने सुकूँ भरे थे वो लम्हे पर अब नहीं
तेरी तारीफों के शे'र से बनाते हम अपनी ग़ज़ल
ख़याल आता था अक्सर ख़यालो मे पर अब नहीं
छोड़ तो सकते थे हम तुम्हारी यादों का शहर
बना लेते अपना एक अलग शहर पर अब नहीं
अब उसने किसी और को करलिया तस्लीम
खुद से नाराज़ रहा और ख़फ़ा भी पर अब नहीं-
ज़हर घोल गई थी तू मेरी ज़िन्दगी में
शुक्र है खुदा का मैं शराब नहीं चाय पीता हूँ-