तू कौन हैं यारा, परछायी या तसव्वुर, जिसमें देखूँ मैं अक्स मेरा..
एक कविता हो या कवि की कल्पना, जिसमें देखूँ मैं अक्स मेरा..
तस्वीर की फ्रेम हो या फ्रेम की तस्वीर, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
नदी किनारा या कलकल बहता पानी, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
अथाह सागर या उसमें उठती लहरें, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
उडता बादल या उसकी घ नेरी छांव, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
वो पुरवाई या कोई पवन का झोंका, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
पंछियों की कलरव या उड़ता पंछी, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
बिखरा सपना या सपने की कहानी, जिसमें देखूँ मैं मेरा अक्स..
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