मीरा   (मीरा)
2.0k Followers · 33 Following

Meera+ wife+mother+poetrylover
Joined 20 September 2019


Meera+ wife+mother+poetrylover
Joined 20 September 2019
17 DEC 2021 AT 23:47

ये बेजान सी हंसी माथे पे शिकन
यकीनन शौकिया तो नहीं ओढ़ा ये कफन
कहो तो क्या ढूंढ़ते हो बुतों की बस्ती में
किसकी तलाश में हो
सुखनवर

-


17 DEC 2021 AT 23:34

जाने क्या ढूंढता है दिल
ख़ामोश बस्ती में ज़ुबां ढूंढता है दिल
इक चीज़ जो वहां खो गई थी
क्यूं यहां ढूंढता है दिल...

-


27 SEP 2021 AT 19:46

वो आभास, वो अनुभव हृदय के
आंशिक सी तुम्हें अपनाने की इच्छा
आंशिक मन जो कलुषित हुआ
क्या थे तुम वहां ?
जहां प्रेम है अथवा जहां विषय भोगा
हास्य और रूदन के बीच में शांति थी
या थी मात्र मेरी परिकल्पना
जब भी नए संकल्प के बाद
नया सूर्य उदित हुआ
फिर मोह छलका लोलुपता का
तो वैराग्य की राह से मुस्काते तुम थे,
क्या सर्वस्व जो जिया और सोचा
थी कोरी कल्पना?

-


13 JUN 2021 AT 15:43


यदि प्रेम फिर गर्भित न हुआ
दिए हुए आघातों से पल्लवित न हुआ
मुझे संशय है के कभी हो पाएगा
उपलक्ष्य में सदियों की विरह देखकर
तू कृतार्थ हो जाएगा
कोई पल कुछ पल में तुम्हें
क्या न मिल पाएगा
हे ईश मेरे कब तुझसे
रूखा सूखा सराहा जाएगा
अभी भी वंदित होना है तुम्हें
ना ना प्रकारेण
क्या तुझको ये विदित नहीं
इस बाग में तूने जो बोया है
वही तो पाएगा...

-


17 DEC 2021 AT 23:20

जेकर कोई गल दिल ना मन्ने
ओनूं किसे दी खातर वी मन्नी ना
मनौण वाला रब भी गवाह नी वणदा
जदौं रुह ते मुकदमा चलदा या

-


17 DEC 2021 AT 9:39

एक मौसम सा एक लम्हा कभी बीतता ही नहीं
इक याद जो अश्क छोड़ जाती वो रीतता ही नहीं

-


17 DEC 2021 AT 9:08

दुनियां की हवाएं आज भी नहीं बदलीं
आज भी सर्द मौसम सर्दी का है
तुम भी रूतों से न टकराना ए दिल
मौसमों के साथ लिबास बदलना पड़ता है

-


16 DEC 2021 AT 20:51

Lakh beirada karo tum
Dil ke faisle nahi rukte

-


16 DEC 2021 AT 18:44

तुझको कितना पढ़ा बस तुझको ढूंढने के लिए
हर्फों से वाकिफ नहीं थे मगर किताबों के शौक पाल लिए

-


16 DEC 2021 AT 18:39

इश्क को जितनी मिली कम ही उम्र मिली
नमी आंखों में होठों को चुप की हिदायत मिली
बेवफ़ा कोई नहीं बस खुद से शिकायत मिली
हाल ए दिल सब ने पूछा हंस के, हमदर्द बता के
ना फिर किसीसे दुनियां में अपनी तबीयत मिली
जिसने किए दिल फरेब दावे किए ना रौशन यहां कोई शख्सियत मिली
नामचीन इन गलियों में एहसास के मारों को जब मिली अज़ीयत मिली

-


Fetching मीरा Quotes