रह-रह कर,
क्यों घर याद आता है,
जाने वाला भी,
कभी लौट कर आता है?-
Vishal Singh Meena
(विशाल 'सरोज')
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Poet | Banker | Engineer | Human
Joined 29 May 2020
27 DEC 2024 AT 1:24
24 OCT 2024 AT 0:26
मोहब्बत की बातें,
ये मीठी सौगातें,
दिलरुबा बता, ये
सीखा कहां से.-
21 SEP 2024 AT 11:18
हर धड़कन में हर सांस में,
तुम्हीं हो हर एहसास में,
मेरे गीत, गज़ल में तुम्हीं हो,
तुम्हीं हो हर एहसास में.-
13 AUG 2024 AT 4:59
हम भी थे नशे में,
थी नशे में चांदनी,
नाव भी झूम रही थी,
महक रहा था पानी.-
11 AUG 2024 AT 11:22
बंद दरवाजे
कच्चे रास्ते
हिस्से में हैं
झूठी कसमें
झूठे वादे
हिस्से में हैं
तू नही
है साथ
कोई बात नही
अब तो बस
तेरा ज़िक्र
तेरी यादें
हिस्से में हैं.-
10 AUG 2024 AT 23:29
चेहरे पे हंसी
दिल में
दर्द लिए फिरते हैं,
एक तेरे ही
खातिर
दर-ब-दर फिरते हैं.-
9 AUG 2024 AT 5:13
दरवाजों, दीवारों, छतों, घर की बात न कर,
हम मुसाफ़िर हैं, हमसे प्यार की बात न कर.-