मेरे दर्द में तेरे सिवाय भला ऐसा कौन था
जो मुझमें था मेरे साथ था.. मुझमें मौन था-
निहारिका नीलम सिंह
(🖋निहारिका नीलम सिंह)
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📚 स्नातक (Graduation ) :-{हिन्दी,अंग्रेजी,समाजशास्त्र }लखनऊ विश्वविद्यालय ।
🏩 बख्शी का ता... read more
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Joined 12 April 2017
24 DEC 2022 AT 23:20
1 SEP 2022 AT 11:11
कोई शिकायत इतनी बड़ी नही हो सकती
कि तुमसे फिर से बात करने से रोक सके
मैं फिर से बिछा देती सारे सपने , नींदे , यादें
बस तुम एक बार हमसे कहकर तो देखते-
20 AUG 2022 AT 22:32
बिखरे शब्दों को कविताओं में
जैसे पिरो लेता है कोई कवि
किसी बिखरी हुई कविता की तरह
मुझे ख़ुद में समेट लेना तुम भी .....-
14 JUL 2022 AT 19:09
जब चाँद की रौशनी में सपने बुना करती थी
मोबाइल की स्क्रीन लाइट में यादें बुनती हूँ-
14 JUL 2022 AT 19:04
मैं छोटी-छोटी बात पर तनाव लेती हूँ
तनाव में मुझे शॉपिंग करना पसंद है ..-
12 JUL 2022 AT 10:49
दुनिया की साज़िशों को मैंने नाक़ाम कर दिया
मगर मेरे अपनों ने ही उनका काम कर दिया-
8 MAY 2022 AT 13:34
मातृ दिवस पर सभी के इनबॉक्स भरे हैं
स्टेटस भरे हैं माँ की तस्वीरों से
गर कुछ खाली है तो "माँ का मन "-
14 MAR 2022 AT 7:41
उस सुबह को सुबह नही कह सकते
जहाँ चिड़ियों के चहकने की आज़ादी न हो ..-