Pramod Jain   (प्रमोद के प्रभाकर भारतीय)
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Joined 1 September 2018


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6 HOURS AGO

# 03-08-2025 # कँटीले फूल #
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पोपट भाई व छोटा भाई के अभी अच्छे दिन चल रहे हैं।

तभी तो दोनो मिलकर पब्लिक को अच्छे - से छल रहे हैं।।
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6 HOURS AGO

# 03-08-2025 # नव काव्य लेखन # मात्रिक छंद # मुक्तामणि छंद #
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#13+12= 25 मात्रा # चार पद,

दो-दो समतुकांत। # प्रथम् यति पूर्व

लघु गुरु अर्थात (12) #द्वितीय यति

पूर्व अर्थात पदांत गुरु गुरु (22)
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7 HOURS AGO

# 03-08-2025 # प्रभाकर भारतीय कृत काव्य कुसुम # वक्त # प्रतिदिन प्रातःकाल 06 बजे #
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आरोप लगा लो कितने भी, साबित ना कर पाओगे।

अतीत में भी झाँक कर देखो,सत्ता छोड़ कर जाओगे।

तुम्हारा वक्त भले आज हो, कल किसी और का होगा-

यदि संभल कर नहीं चले तो, नज़र फ़िसलते आओगे।
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YESTERDAY AT 12:09

# खरी - खरी # 02-08-2025 #
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शेर के मायने सामने से शिकार करना है न कि

एजेंसियों के कंधे पर चढ़ कर पीठ पीछे वार करना।
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YESTERDAY AT 12:00

# 02-08-2025 #कँटीले फूल #
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वो देते रहे ताने मुझको,
सब तानों को सहन किया।

बोले न टूटे बोल कभी,
हँसते-हँसते सब वहन किया।
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YESTERDAY AT 11:53

# 02-08-2025 # नव काव्य लेखन # मात्रिक छंद # गीतिका छंद #
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याद आऊँगा तुम्हें मैं, बात मेरी मान लो।
खोजता हूँ मैं तुम्हे ही, राय मेरी जान लो।।
आँख तुमसे ही लड़ी है, प्यार पलने दीजिए।
आँसुओं की ही झड़ी है, जान तो मत लीजिए।।
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#14+12= 26मात्रा #चार पद, दो-दो समतुकांत। # मापनी 2122 2122 यति 2122 212= 26 मात्रा अथवा 21211 × 3 = 26 मात्रा # 3, 10, 17, व 24 वीं मात्रा लघु ही रहेगी # पदांत लघु गुरु लेकिन रगण (राजभा)यानी 212 सर्वश्रेष्ठ #
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YESTERDAY AT 11:49

# 02-08-2025 # प्रभाकर भारतीय कृत काव्य कुसुम # अरमान # प्रतिदिन प्रातःकाल 06 बजे #
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दो घड़ी के मेल में न जाने क्या से क्या हो गया।

खेल ही खेल में तो दिल मेरा इस कदर खो गया।

तुम्हें देखकर ही दिल के अरमान भी मचलने लगे-

ख़्वाब में तुम्हे ही पाकर बेफिक्र होकर सो गया।
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31 JUL AT 14:42

# 01-08-2025 # कँटीले फूल #
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कोई खिलाफ़ होता है तो होने दो।
अपना ज़मीर कभी मत खोने दो।

जिनका ज़मीर मर गया है आज-
उन सबको चैन की नींद सोने दो।
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31 JUL AT 14:35

# 01-08-2025 # नव काव्य लेखन # मात्रिक छंद # गीतिका छंद #
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सूख जाता है गला भी, हाल नायक देख लो।
शेर है यह देश का ही, दांत इसके देख लो।।
कोसता है नेहरू को, चेहरा भी देख लो।
गर्जता है शेर यूँ ही, भाग जाता देख लो।।
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#14+12= 26मात्रा #चार पद, दो-दो समतुकांत। # मापनी 2122 2122 यति 2122 212= 26 मात्रा अथवा 21211 × 3 = 26 मात्रा # 3, 10, 17, व 24 वीं मात्रा लघु ही रहेगी # पदांत लघु गुरु लेकिन रगण (राजभा)यानी 212 सर्वश्रेष्ठ #
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31 JUL AT 11:51

# 01-08-2025 # प्रभाकर भारतीय कृत काव्य कुसुम # माफ़ी # प्रतिदिन प्रातःकाल 06 बजे #
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चिता जलने से पहले ही इनसान की चेतना जागनी चाहिए।।

अपनी गलतियों के लिए खुले दिल से माफ़ी मांगनी चाहिए।

माफ़ी मांग लेने से किसी इनसान का कद छोटा नहीं हो जाता-

अपनी गलतियों का प्रायश्चित्त कर अपनी लघुता टालनी चाहिए।
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