Mukta Singhal   (Nisha)
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I am a homemaker
Not a writer but love to write
I wrote my thoughts
Not my life
Joined 9 February 2018


I am a homemaker
Not a writer but love to write
I wrote my thoughts
Not my life
Joined 9 February 2018
4 HOURS AGO

कतरा कतरा है इश्क की दास्तां
अजी ! चाकू खंजर चलते रहे
मगर क्या कहें इश्क की मय को
लोग पीते रहे और बहकते रहे

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11 HOURS AGO

किस्से से शुरू
कहानी में अंतिम बात

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12 HOURS AGO

मेरी पहचान है

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12 HOURS AGO

दिल के करीब हो तुम




अधूरी दास्तां

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12 HOURS AGO

रोज रोज बेतकल्लुफ़ मुलाकातें
फूल, नदियां,अब कबूतरों से बातें

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12 HOURS AGO

लबरेज थी कलम
कुछ शब्द छिटक गये
हमें क्या खबर थी
तुमको लिख देंगे हम

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12 HOURS AGO

अधूरी हसरतें
अनकही बातें

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23 APR AT 9:02

खुद से ज्यादा,खुद को, क्या कोई पहचानता है?
कत्ल होने वाले से ज्यादा,कत्ल करने वाला, ज्यादा जानता है

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23 APR AT 6:00

चाहे कर भी ना मोड़ सकी
सखी मैं जीवन कि धारा
मन नहीं श्वास लेने का
पर चलता नहीं वश हमारा

मन करता इस शरीर के घर को
छोड़ भ्रमण करी आऊं
जाऊं कैसे री सखी
बंधन ने ऐसा मारा

ना पंख उगा सकूंअपने
ना बदल सकूं में भाग
यही तो कर्मन का फेरा है सखी
ना दिन वश में ना रात

ना री ना सखी सब मिथ्या है
अब सब कुछ प्रभु के हाथ

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22 APR AT 15:52

सुर बेसूरे से हो गये
वो पहले गैर बने
अब अजनबी हो गये

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