महाबली हनुमंत के ,जन्मदिवस की धूम।
भक्त बधाई बाँटते, रहे खुशी से झूम।।
मेरे बाबा आपकी ,महिमा अपरम्पार।
कैसे वर्णित कर सकें,जाती है मति हार।।
शंकर के अवतार हैं,बजरंगी गुण धाम।
महावीर हनुमान नित,जपते जय श्री राम।।
बुद्धि विनय के देवता,सरल सहज व्यवहार।
अतुलित बलशाली करे,पल में बेड़ा पार।।
राम काज से प्रेम है,प्रभु चरणों में स्थान।
जग सारा पूजे तुम्हें,परम भक्त हनुमान।।
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मुस्कुराते आँसू
आज जब बेटे ने माँ के हाथ पर मैडल रखा
इक अनूठी सी खुशी का स्वाद उस माँ ने चखा
आँखों के कोरों पे उमड़ी आँसुओ की बूँदें पर
बन के मोती चमचमाईं मुस्कुराईं आँख भर
पालने में दर्द जितने आज तक भी थे सहे
एक पल में भूलती माँ लाडले के लग गले
रंग माँ की लाई मेहनत,और खुशियाँ छा गई
यह सफलता पुत्र की उज्ज्वल सुबह दिखला गई
छलछलाते मुस्कुराते आँसुओं से मुख भरे
दे रही है माँ दुआएँ 'लाल' तू जीता रहे!
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भर न पाए ज़िन्दगी भर ज़ख्म ऐसा है मिला
कौन से थे पाप आखिर जो दिया है ये सिला
इक जवाँ बच्चे को रुखसत इस जहां कर रहे
फूटी किस्मत रब है रूठा अब करें किससे गिला
देख के बेजान बेटा ,माँ के दिल की सोचिए
बन गई पत्थर की जैसे, हर भरोसा है हिला
ऐ खुदा बेवक़्त जाना मार देता जीते-जी
अपने पीछे छोड़ देता ये गमों का सिलसिला
हैं पड़े बिस्तर पे कितने माँगते जो मौत दीप
मौत लेकिन धर दबोचे फूल जो हो अधखिला
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हो मधुरता आपसी रिश्तों में साथी
साथ में ऐसे रहो ज्यूँ दीप बाती
एक के बिन दूसरे का अर्थ क्या है
शाख को शोभित करे हर फूल पाती
प्रेम से जीवन लगे उपहार जैसा
और ख़ुशियों से ये दुनिया जगमगाती
साथ मिल कर साथ चलना ज़िंदगी भर
ज़िंदगी यूँ ही रहेगी मुस्कुराती
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मुझे तुम आज भी जब प्रेम का प्रस्ताव देते हो
खुशी तन मन में भर जाती मेरा मन मोह लेते हो
भले कितनी दफा तुमने दिया और मैंने स्वीकारा
नवल हर बार स्नेहिल प्रेम ऊर्जा जोड़ देते हो-
भागते जा रहे दौड़ में सब कहीं
जा रहे पर कहाँ जानते भी नहीं
दूसरे को गिराने की इक होड़ है
हम न शामिल हुए रुक गए हैं यहीं
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जला के दिल वो तापें हाथ तो दिल क्यों बुरा माने
ख़ुशी उनको मिली ये बात क्या कुछ कम ख़ुशी की है-
अभी हैं पंख फैलाए उड़ान ऊँची भरेंगे हम
मुसीबत राह में आएगी लेकिन ना डरेंगे हम
चले हैं साथ हम मिल कर सफलता का शिखर छूने
बता दो आसमाँ को अब उसे नापा करेंगे हम-
न बातों में न यादों में न ख्वाबों में बचे हो तुम
गुज़रते वक़्त की आँधी से गर्तों में दबे हो तुम
कोई तूफान लाज़िम है दबी परतें हटाने को...-
जीवन न है सरल ,चलना है अविरल,दुख आज सुख कल,करना ही है संघर्ष।
राह सीधी लगे अभी, टेढ़ी-मेढ़ी हुई कभी ,झेल रहे देख सभी,कहीं दर्द कहीं हर्ष।।
दुख से न घबराओ,सुख में न भूल जाओ,हरि गुण नित गाओ,क्षण दिन माह वर्ष।
सदा भले कर्म करे,पाप कमाने से डरे,ईश सभी कष्ट हरे, पाए जीवन उत्कर्ष।।
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