ज़िंदगी की सच्चाइयाँ
सिखाती हैं झूठ बोलना-
झूठ की बुनियाद पर,
डाली फरेब की नींव..
शक की थी रेत उसपे,
रखी ज़िल्लतों की ईंट..
अश्कों की ज़मीं पर,
खड़ी दर्द की दीवारें..
बेग़ैरती में मगरूर था,
जिस छत का ईमान..
जहां न सच के झरोखे,
न थी इश्क़ की हवा..
उस रिश्ते के मकां को,
तो बिखरना ही था..
- Anubha "Aashna"
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रजाई की रूत गरीबी के आँगन दस्तक देती है,
जेब गर्म रखने वाले ठंड से नही मरते ।।-
ख़ैर..
अब जो तुमने,
तुम्हारे सच ने,
मुझसे, मेरा "मैं" छीन ही लिया है
तो अब तुम्हें,
और इस तमाम दुनिया को
"तुम" मुबारक हो!-
जिस्म की लज्जतें, इश्क़ की सलाहियतें
पढ़ ही लेती है सारी वो तुम्हारी तर्बियतें
हुस्न तारी नहीं करती इश्क़ मुकम्मल में
उसकी देह से भी लिपटी हैं सारी आयतें-
झूठ बोलने वालों
ये झूठ-ए-अंदाज कहां से लाते हो
शर्म नहीं आती तुम्हें या खानदानी आदत है
झूठ बड़े प्यार से खुलेआम बोल जाते हो-
सत्य का सामना कीजिये
इस झूठ की दुनिया में ईश्वर सत्य है
बाकी सब झूठ......
सत्य के पक्ष में हमेशा रहिये...
सत्य का दामन कभी मत छोड़िये
संसार में अपनी मान प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए न जाने कितने लोग झूठ बोलते है...
पर सच के अपने रास्ते है बाहर आने के इसलिए सच को झूठ के पैमाने में कभी मत तोलिए...
चाहे लाख कठिनाइयां आये रास्ते में
डट कर मुकाबला कीजिये....
सत्य कर देता है बुलंद हौसलों को
ना जाने कितना फरेब है जमाने में
मत डरिये संघर्ष करने से सत्य का रास्ता
ही ले जाएगा सफलता की ओर....
नकारात्मकता लाख खींचे चाहे अपनी ओर...
सफलता की रोशनी मचा देगी संसार में शोर......
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