तिरे हुश्न के इतने कायल हैं।
दिल सबके घायल-घायल हैं।
हर शख़्स के ख़्वाबों में है तू,
हर शख़्स की आँखें बादल हैं।
ईशान समझते हैं तुझको,
ये लोग भी कितने पागल हैं।-
●MINISTRY OF RAILWAYS, GOVT OF INDIA
●AGRA, U.P.
●NIT-BHOPAL👨🏻🎓. ... read more
अगर
तुम्हें लगता है
कि तुम सही हो,
तो यक़ीनन
तुम सही होगे,
सिर्फ़ अपनी
कहानी में।-
मैं लिखूँ तुझको तू गुनगुनाया कर मुझे।
कभी-कभी ऐसे भी मनाया कर मुझे।-
आँखों में रखते हैं समंदर लोग।
कितना ग़म रखते हैं अंदर लोग।
उसकी बातों पर यकीं मत करना।
दिल के काले होते हैं सुंदर लोग।
औरों से तो गिला ही क्या करें।
अपने ही रखते हैं खंज़र लोग।
ये शोहरतें पहचान नहीं अक्सर।
मलबों में पलते हैं सिकंदर लोग।
तज़ुर्बा कहता है बरबादियों का।
बड़े शौक़ से देखते हैं मंज़र लोग।-
खो जातीं हैं नदियाँ समंदर से मिल के।
लाज़िम है के "प्रेम" बराबर में हो।-
एक शख़्स बनाता है दीवारों में घर।
औलादें बना देती हैं घरों में दीवारें।-
चेहरों को पढ़ने का हुनर रखिये।
सारे शहर की ख़बर रखिये।
कब किसके खून में आ मिले मक्कारी।
दोस्तों पर भी नज़र रखिये।
आवाज में गुरुर, निगाहों में गुमान।
भले ही थोड़ा सा मग़र रखिये।
सफ़र ख़त्म होने का इल्म नहीं होता।
साथ अपने हमसफ़र रखिये।
मंजिल आ गले मिलती है इक रोज।
बशर्ते थोड़ा सबर रखिये।-