कदम कदम पर हानि होगी ।
कदम कदम पर होंगे लाभ ।।
कदम कदम दुश्वारी का।
कदम कदम छल लेंगे *भाग ।।
इन्द्रधनुष के रंगों सा ये जीवन,
कभी हल्का,कभी गाढ़ा रंगता मन।
रंगों से भला कैसी निजात।
श्वेत- श्याम रंगों से मत *भाग।।
दुःख के क्षणिक हैं ये मेले ।
दुःख बिना सुख भी हैं अकेले ।।
दुविधाओं के भ्रम से जाग।
ओ पथिक दूर के,
रख स्वयं पर विश्वास।।
सोचो तो एक सोच है ये बस ।
पर्वत,नदिया अड़चन नहीं, हैं गति रस ।।
समरसता का करते वि'भाग।
जीवन करे ठिठोली,खेले-उल्लास।।
रख स्वयं पर विश्वास।
दुविधाओं से मत भाग।।
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