कीमत देके सस्ता एक कमरा चुनते है,
कुछ पुराने सकपकाएं प्रेमी चार दिवारी में ही रोते हैं, नएपन का फिर एक ढोंग लिए ।।-
सिर्फ़ मैं हूँ यहाँ ।
आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है, शब्द है कल्पनाओं से,तो अपनी अम... read more
जीवन में जब एक जैसी परिस्थितियाँ बार-बार घटित हो,
तब समझ जाना ईश्वर तुमसे समय को दोष देने के दोष को छीन रहा है,
और तुम्हें निर्णय और कर्म का बोध करा रहा है ।-
लिखी जा सकती थी किताब जिस कहानी पर
उसको लफ्ज़ो के सच में खत्म कर दिया,
कह दिया तुम में मैं नही मैं में तुम नही ।।-
मुझे लेखक शब्द बहुत ही बड़ा लगता है,
इसलिए मैंने खुद को कहा मैं तो अपने लिये लिखती हूँ,
मैं पाठक और स्वयं को बचा लेती हूँ ऐसा कहकर,
पढ़ने वाला कोई उम्मीद नही रखता और मैं तो अभी किसी भी तरह की आलोचना के साथ सहज ही नही हूँ,
मैं अपना काम करती हूँ, लेखक के काम नही होते,
पाठक से रिश्ता होता है,
लिखने वाला भांप जाएगा लेखक कब उसके अंदर घर कर गया,
जब आलोचनाओं का मर्म आनंद दे लेखक को और सहजता महसूस कर सकेंगे पाठक ।-
विपरीत दिशाओं से एक दूजे की तरफ़ बढ़ते लोग उस जगह को देखते है जहाँ पहुँचना है उस समय मन की चाल पैरों की गति के साथ तुकबंदी बिठा लेती है, उसी बिंदु से विपरीत दिशाओं में जब जाते हुवे एक दूसरे को देखते है, तो देखते है कि कौन तेज गति से जा रहा है अपनी चाल से आहत होकर भी ।
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जीवन के सच से कहानियां निकलती है,
फ़िर भी सच नही होती कोई कहानी ।-
मैंने प्रेम में कई माँगे जाहिर की,
मैंने प्रेम में बहुत कुछ पाया,
जब माँगा हुआ न मिला तो,
मैंने प्रेम में पाये हुवे को लौटाया,
मैंने प्रेम में गलत को सही किया ।-
उसकी लापरवाही से इश्क़ है हम दोनों को,
जब तक मैं इसको सिर्फ़ उसी की होके रहने दू ।-