"नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएं, आनंद हो"
मुर्दा शरीर में नये प्राण
प्राणों में नव अरमान लिये,
स्वागत!स्वागत! मेरे आगत!
तुम आओ स्वर्ण विहान लिये!
युग-युग तक पिसते आये
कृषकों को जीवन-दान लिये,
कंकाल-मात्र रह गये शेष
मजदूरों का नव त्राण लिये;-
"मेरी बड़ी इच्छा हैं"
मां की एक बड़ा सा फोटो फ्रेम करवा कर ।
उस पे चूनर चढ़ा कर अपने घर में लगाऊँ।
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चैत की सूखी दोपहर
जब— जमीन लगभग चटकने को तैयार थी..
मैंने पहली बार देखा...
कैसे—
एक बच्चा..
महज दो-चार आम की गुठलियाँ
मिट्टी में दबाकर...
ईश्वर के
कार्य में दखल देने की
भरसक कोशिश कर रहा था... ।
कविता
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🌷गुड़ीपड़वा और चैत्र नवरात्र🌷
की आप सभी को
हमारी और से
🌹हार्दिक शुभकामनाएं🌹
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जाहला आज आरंभ चैत्राचा,
नवपालवी तो घेऊनी आला,
जाहला आरंभ नवसंवत्सराचा,
सुरूवात करू नात्यांच्या नवपर्वाला,
जाहले आगमन श्रीरामांचे,
त्या आनंदाप्रित्यर्थ गुढ्या उभारू,
अंगी गुण बाणवूनी श्रीरामांचे,
नववर्षाचे स्वागत करू,
शालिवाहन नामे नृप जाहला,
मृत्तिकेसमान निष्क्रीय सेनेत, फुंकीले प्राण त्याने,
क्षत्रपांच्या तावडीतून महाराष्ट्र सोडविला,
स्वागत नववर्षाचे करू, प्रण घेऊनी निष्क्रीय न राहाणे,
गतसंवत्सरी आले असतील प्रसंग दुःखाचे,
विसरूनी सर्वांसी साथ देऊ,
येवोत नवसंवत्सरी प्रसंग सुखाचे,
अश्या शुभेच्छा सर्वासी देऊ....
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भारतीय संस्कृति में ही मेरा, गौरव और अभिमान है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही नववर्ष, सनातन और महान है।।
सृष्टि चक्र प्रवर्तित इस दिन, ये विधाता का विधान है।
ग्रह-नक्षत्रों का जगह बदलना, परिवर्तन का प्रमाण है।।
हिंदी मास के प्रारम्भ में, इस दिन का पहला स्थान है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही नववर्ष, सनातन और महान है।।
प्रकृति भी त्याग पुराना, धारण करती नव परिधान है।
जीवों में बढ़ती धार्मिक भावना, आस्था का प्रमाण है।।
नवरात्र की शुरुआत से करते, हम नववर्ष का सम्मान है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही नववर्ष, सनातन और महान है।।
"मधु मास" को कहते, "चैत्र मास" का वैदिक नाम है।
पके अन्न और मीठे आम की खुशबू, लुभाती मन प्राण है।।
गणगौर पूजती कन्या-सुहागिनें और कोयल की तान है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही नववर्ष, सनातन और महान है।।
वैष्णव दर्शन में चैत्र मास, भगवान नारायण समान है।
ईश्वर ने भी अवतरण हेतु, किया इसी मास का संधान है।।
कहाँ उल्लेखित इस दिन जैसा, किसी और का बखान है?
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही नववर्ष, सनातन और महान है।।
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गुढीपाडव्याच्या सर्व लेखक, वाचक
मित्र मैत्रिणिंना हार्दिक शुभेच्छा.
(कविता मथळ्यामध्ये वाचा)-
नववर्ष है, नवराष्ट्र में
शक्ति की संकल्पना
उपासना सानिध्य भी
चैतन्य हो तन्मयता
मिलन संधिकाल में
ऋतुओं की संस्कृति
शृंगारित हो रही माँ प्रकृति !-
प्रारंभ सौख्याची
चैत्र नवरात्रि चैतन्याची
गुढी सजली दारी
शुभचिंतक ही यशाची..
🌺गुढीपाडव्याच्या हार्दिक शुभेच्छा🌺
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चैत के शुभ दिन आयो रे।
मंगल गीत सुनाओ रेे।
बंदनवार सजाओ रे।
चंदन तिलक लगाओ रे।
आंगन रंगोली बनाओ रे।
रघुनंदन को पुकारो रे।
आया नववर्ष मंगलदायक,
मन में मोद मनाओ रे।-