वर्तमान समय में लोगों की सोच इतनी अधिक बेकार
क्षतिग्रस्त हो गई है कि उन्हें सही और गलत में फर्क ही महसूस नहीं होता है। वो सारे घिनौने कृत्य करने के बावजूद स्वयं को साफ सुथरा बताते हुए बिल्कुल भी
हिचकिचाते नहीं है। अब ऐसे लोगों को क्या ही कहिए:-
Date of Birth : 18th February
Instagram ID : kir... read more
तू मेरी आदत है तू मेरी जरूरत है।
तेरे बिना क्या हूं मैं ...??
मुझ में भी तो मुझ से ज्यादा तू है।।-
सर्व प्रथम तो आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई 💐
तत्पश्चात शुरू करती हूं मैं आगे की कार्रवाई
लेकिन उससे पहले लेना चाहूंगी मैं आप से माफ़ी
क्यों कि शुभकामनाएं प्रेषित करने में देरी जो हुई।
पर मैं क्या करूं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी"
मैं एक गृहिणी हूं और गृह कार्य करने के बाद ही
कागज कलम तक पहुंच पाती हूं।।
गृहणियों का काम आसान नहीं होता है।।
24/7 ड्यूटी करनी पड़ती है।और इतना ही नहीं
एक गृहिणी को बावर्ची धोबी हाउसकीपिंग मुंशी नर्स
और भी कई सारे लोगों की ड्यूटी अकेले ही निभानी पड़ती है। तो आप समझ सकते हैं। इतने सारे कामों के बीच में समय निकालना कितना मुश्किल काम होता है।
ऐसा नहीं है कि आपका जन्मदिन मुझे याद नहीं था।
ऐसा भी नहीं है कि मैं जानबूझकर देर कर रही थी।
वो तो बस समय के अभाव में थोड़ी सी देरी हो गई।
खैर कोई बात नहीं देर आए दुरुस्त आए।
आप स्वस्थ रहें दीर्घायु रहें और इसी तरह देश की सेवा में संलग्न रहें और पुनः एक बार आपको जन्मदिन की अनेकानेक बधाई देती हूं और इसी मंगल कामनाओं के साथ आप से विदा लेती हूं।नमस्कार 🙏🙏
जय हिन्द जय भारत-
आज दो प्रकार के भिखारी होते हैं:
एक वह जो दिन भर सड़क किनारे धूप और बरसात में
अपने तथा अपने परिवार का पेट पालने के लिए गाड़ियों के पीछे भागते रहते हैं । वह मजबूर है अपनी जान को जोखिम में डालने के लिए । प्रदूषण भरे माहौल में जीने के लिए।। क्योंकि उनके पास खाने के लिए अन्न नहीं है। रहने के लिए घर नहीं है और पहनने के लिए कपड़े भी नहीं। तो उनकी मजबूरी है यह काम करना।।
और दूसरा वह लोग जिनके पास कोई कला नहीं है कोई हुनर नहीं है ।अपनी कोई सोच नहीं है । लोगों को बताने के लिए दिखाने के लिए मग़र दिन भर वो लोग यूट्यूब इंस्टाग्राम फेसबुक पर अलग-अलग नामों से फेक आईडी बनाकर लाइव बैठे रहते हैं और लोगों से लाइक और कमेंट की गुहार लगाते रहते हैं ।।
तो इन दोनों में असली भिखारी कौन हैं....??-
अब नहीं होता बर्दाश्त मुझ से,
अब तो तुम्हें लेना होगा फैसला मेरे वास्ते
आत्मसम्मान से बड़ा मेरे लिए कभी कुछ ना था
और ना ही कभी कुछ होगा।
मेरी कुर्बानी मेरी तपस्या का ये फल दिया उन्होंने
तुम ने सुना ना उन्होंने कितना कुछ कहा हमें
मैं नहीं मानती ऐसे रिश्तों को
जो अपनों के मन में घाव कर दें
जो अपनों को तकलीफ दे
उन्हें अपना आपा खोने पर मजबूर कर दें
झूठी कहानियां बना कर उसे मशहूर कर दें।
बात बात पे उलाहने दें,ताने दे दे कर बेचैन कर दें।
झूठ इतनी सफाई से पेश करें कि
सच शर्म से आंखें नीची कर लें।।
आज मुझे मत रोको आज मैं
अपने बस में नहीं हूं।।
आज मैं उनके हर एक सवाल का जबाब देना चाहती हूं।
उन से कहना चाहती हूं मैं भी इंसान हूं और मुझ पर भी
व्यवहारों का असर होता है। कृप्या अपना व्यवहार बदले
अन्यथा कृपा करके हम से दूर रहेने का प्रयत्न करें..!!-
एक प्याली चाय भी
बड़े काम काम की चीज है।
सर दर्द थकान तन्हाई मायूसी
जैसी कई समस्याओं का निदान "
वो झट से कर देती है।।-
जो मेरी ईर्ष्या के भी काबिल नहीं ,
वो ख़्वाब मेरी मित्रता के देखते हैं।
जनाब वो हौसला भी क्या ....
कमाल का रखते हैं........!!-
कुछ लोगों के संपर्क में रहना
हमारी मजबूरी हो जाती है ।।
और वो हमारी इस मजबूरी को
अपनी खातिरदारी समझने की
भूल कर बैठते हैं।।-