हम दिव्यांग है
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अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस-
( 15 सितम्बर ) अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
लोकतंत्र का परिचय -
लोकतंत्र का अर्थ होता है प्रजातंत्र। लोकतंत्र आधुनिक युग की सबसे लोकप्रिय शासन प्रणाली हैं, लोकतंत्र शब्द जिसे अंग्रेजी में "डेमोक्रेसी" "Democracy" कहते है। Demos और Cratia से
हुई हैं। Demos का अर्थ है जनता और Cratia का अर्थ है सत्ता इस प्रकार लोकतंत्र वह शासन प्रणाली हैं जिसमें सत्ता जनता के हाथों में होती हैं।
प्रसिद्ध अमेरिकन राष्ट्रीय पति अब्राहम लिंकन के अनुसार-- "लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए शासन हैं।"
लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें शासन जनता द्वारा चलाया जाता हैं।
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# अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च)
महिला दिवस सिर्फ एक दिन ही क्यों?अगर आपके मन में महिलाओं के लिए सम्मान है तो365दिन ही महिला दिवस हैं।
औपचारिकता-मात्र से महिला का सम्मान बहाल नहीं होगा।इसके लिए आपको उसे उसका जायज हक देना होगा।स्त्री भीख की अधिकारिणी नहीं है, जो आप उसे सम्मान भिक्षा में दे दोगे!
मन, कर्म व वचन से कुछ भी ऐसा न करें, जिससे नारी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे।सही माइने में यही नारी का सच्चा सम्मान भी होगा।इसकी शुरुआत, अपने घर से कीजिए, किसी संस्था या मिशन से नहीं।
महिलाओं को भी अपना स्वाभिमान गिरवी नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसकी रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए।जब हम ही अपना सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरे क्यों करेंगे!
सभी को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं।👏👋-
जब घर की दीवारें प्यार पगी, ईंटों से निर्मित हो,
तो संबंधों में आंगन की, तुलसी महकती है।
बिन अपनों के साथ के, प्राप्त उपलब्धियां भी अधूरी,
तब अपनी जीत में ,भी हार लगती है।
बाधाओंके टेढे-मेढ़े रास्ते,सुलझा लेते हैंउलझनों को,
पहाड़ो की चढ़ाई -नपाई, सरल लगती है।
"हमारी फैमिली" में आशाओं के दीप जलते हर मन में ,
उद्विग्न मनः स्थिति में भी, मुस्कान खिलती है।
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होती नहीं वो कमज़ोर,
उस में सब सहन करने की ताक़त है।
अपनी शान में आ जाए तो,
हर घर में झांसी की रानी हैं।
पुरूषों से कम नहीं अब महिलाएं,
हर काम में पुरुषो से आगे हैं।
होती नहीं वो कमज़ोर,
उसमें सब सहन करने की ताक़त हैं।
मां,बेटी,or बहु, हर कर्तव्य को निभाई हैं।
अपने बच्चों की रक्षा में,
मां बन कर काल को भी हराई है।
अपने आत्म सम्मान के लिए,
वो दुर्गा का रूप भी कहलाई हैं।
अपने दम पर महिलाओं ने..
भेद भाव करने वाले इस समाज में,
पुरुषो के बराबर ही हक पाई हैं।
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पानी तुम सिर्फ पानी तो नहीं
होते अगर सिर्फ पानी तो
बह जाते,सूखजाते, हो जाते कम
और शायद सह जाते हम
तुम हो हमारी मर्यादा
सम्मान और माहात्म्य
पवित्रता हो तुम हमारी
हो संतुष्टि और परोपकार का साधन
भरित होती क्षुधा तुमसे
पूर्ण होती तृषा तुमसे
और हरित वसुधा तुम से
छोड कर ना जाओ हम को
लौट आओ तुम...
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अंतरराष्ट्रीय वन दिवस।
....अपने घर उजड़ें तो
खून के आंसू रोता है दिल,
नन्हे बच्चों के सर से जब छत हटती है ,
फिर कहां चैन से साथी सोता है दिल।।
कुछ उजाड दिए,
कुछ उजड़ रहे हैं...
बिगाड़ दिए कुछ नक्शे हरी धरा के,
कुछ बिगड़ रहे हैं...
खुली आंखों से सोए तुम,
सब देख कर भी चुप हो,
बोलो... आंखें कब खोलोगे
तुम...कब बोलोगे?
नग्न सिसकती धरा का
कण कण ,
पूछ रहा है तुमसे...
कहो मन मस्तिष्क के स्वार्थ
और ...लालच का जंग लगे दरवाजे
कब खोलोगे??
(सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में)-
अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस
की शुभकामनाएं ☕
चाय हमारे लिए सिर्फ चाय नहीं होती
ये तो वो दवा है, जो ग़मों को चीनी पानी
में घोल कर दुःख दर्द को कम होने का इक
एहसास देती है...
कुछ ग़मों को भूल जाते हैं और
कुछ यादें ताज़ा हो जाती हैं
जो चाय की इक प्याली हमारे साथ होती है ।।-
"सम्पूर्ण नृत्य"
कलियाँ नाचती, गलियां नाचती
भौरे संग मिल तितलियाँ नाचती
मधुमास में सारी प्रकृति नाचती
प्यार में रमी ये पूरी सृष्टि नाचती,...
(पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें)-