बच्चा सा है,, बोल बोल के मुझे बच्चा सा बना के एक दिन अचानक से जब कहीं or मजे आने लगा तो बहाने में कभी कभी अब ख़ुद को बड़ा भी कहता हैं..
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अगर होता मोहब्बत थोड़ा सा भी सच्चा तुम्हारा, तो मेरे हाल देख सुन के कहीं or मुस्कुराया न करते,,or वो तुम्हीं थे न जो एक बड़े से रिश्ते का नाम दे के कहते थे कि तुम अपनी हो मेरी सच में होती तो फ़िर एक ही रात में पराए को अपना मुझे पराया न करते....
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वो दुनियां का मुझसे हाल सुना के,,
कहता था खेल नहीं है प्यार,,,
दुनियां में एक दोस्त हो के भी शायद इतना जल्दी तोड़ के भूल न सके कोई,,, जैसे वो मेरे साथ खेल खेल गया..-
सुना हैं ..
बहुत लोग गुम हो रहे हैं कुंभ के मेले में,,
चल न उस तीर्थं में तूने जो थमा अपने हाथ में मांग के मेरा हाथ एक दफा फ़िर छोड़ देना वहां मैं खो जाऊंगी,, तू नहीं ढूंढता न अब सुबह शाम... ऐसे ही तू न ढूंढना मुझको,,, मैं भी गुम हो जाऊंगी,,, न तुम मिला न मैं तुमको देख के भी तेरे पास आऊंगी... चल न..🗣️
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हंसता हुआ चेहरा निखारा करेंगे..
अब हर बात से किनारा करेंगे,,
उसे लग गया कि मिल गई उसको बेहतर हैं मुझसे
अब हम से कहा बात वो दोबारा करेंगे...-
निकल रहे थे आशु मेरे ,हर बार अंधेरी रात थीं,,
घर के हज़ारों मसले थे,,फ़िर एक उसी की याद थीं..()
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रोता छोड़ गया हर बार वो
जो कहता था रो मत तुझे मेरी कसम है...
दूसरी मिलने के बाद बात करना भूल गया वो
जो कहता सोना मत बहुत बात करना हैं तुमसे..
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मैं पूरा बिक गई,,उसके सारे जरूरतों से,,
फिर भी उसको मेरा,
कुछ भी जरूरी नहीं लगा...😓
पार कर दी सारी हदे
यक़ीन कर के उसपे,,
कहीं or होने के बाद,,
फ़िर मेरे लिए बस,
उसे झूठ ही सही लगा..
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किसी or की तलब जब हुआ...
तो कह दिया कि मुझसे बेहतर मिले तुमको,,
उसने देखा ही नहीं शायद कभी....
जरूरत किसी बेहतर की नहीं..
जिससे प्यार हो बस उसका होता हैं....
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