Madhu Maurya   (Lekhni)
145 Followers · 7 Following

read more
Joined 30 December 2017


read more
Joined 30 December 2017
6 APR AT 13:06

सान्त्वना से सहर्ष तक
संसार से सन्यास तक
सृजन से संहार तक
स्वयं से सहस्त्र तक
सुबह से साँझ तक
सकल समय संग होत है।

-


4 APR AT 14:06

जीवन
है कसौटी
अनोखी है चुनौती
यहाँ मुसीबत ना एकलौती
सबके हिस्से हैं सहस्त्र कोटी
चाहे कोई माँग ले लाख मनौती
पर होता वही जो ईश्वर के पोथी।

-


3 APR AT 21:08

मुझे हाथों में ना  हाथ चाहिए
मुझे तो बस, तेरा ही साथ चाहिए,

ना हो दूरियों का एहसास कभी
बस एक ऐसी हसीं मुलाकात चाहिए।

-


2 APR AT 17:54

इन्सान तो हैं पर वाबस्तगी तो नहीं है।

-


2 APR AT 17:49

बस्तियाँ हैं यहाँ वीरानगी तो नहीं है।

-


2 APR AT 1:34

ये मोहब्बत बिमारी नहीं, ये महामारी है
जो सबको  ही लगती, बड़ी मनोहारी है,

इसमें ना ग़लती तुम्हारी है, ना हमारी है
इसके फँस कर सब भूले, दुनियादारी है।

-


31 MAR AT 19:07

मन जब तृप्त हो जाए, ख़ुशियाँ कहलाए।

-


31 MAR AT 19:01

अगर आपको लगता है
कि मैं सब भूल जाती हूँ,

तो हाँ ! मैं भूल जाती हूँ
अपने काम में व्यस्त हो,

अपने घुटनों व पैरों का दर्द
अपनी कमर की अकड़न,

और शायद से स्वयं को भी
घर-आंगन सहेजने-सँवारने में,

और मैं अक्सर भूल जाती हूँ
अपनी इच्छाँए, अपने सपने,

अपना श्रृंगार, अपना ख्याल
अपनी खुशियाँ, अपने आँसू,

अपना मान-सम्मान व नाम
अपना जीना और मरना भी,

हाँ ! मैं अक्सर भूल जाती हूँ
कि मैं भी तो एक इन्सान हूँ।

-


30 MAR AT 16:25

घनघोर घटाँए घिर के हैं छाईं,

सखी-सहेलियाँ सहर्ष हैं आईं।

-


29 MAR AT 19:36

इस जहाँ माँ में के कदमों में ही जन्नत है
वो मेरा रब, मेरी बरकत, मेरी इबादत है।

-


Fetching Madhu Maurya Quotes