कट रहे हैं ये दिन औ रात राह तकते-तकते
उसे वक्त नहीं, बुझे चराग सब जलते-जलते
है दिखावे से दूर मेरा प्यार
इसलिए सहते हैं सारे सितम हम हँसते-हँसते।-
कृपया मेरी बातों पर ध्यान दें
फ़ाॅलो कर के अनफ़ाॅलो करने वाले
यहाँ आने का कष्ट ही ना... read more
कैसे हम बताँए कि उसकी हसरत कितनी है
कैसे समझाँए कि उसकी जरूरत कितनी है
है दिखावे से दूर मेरा प्यार
कैसे दिखाँए कि उस से मोहब्बत कितनी है।-
यूँ रात अक्सर मुझे सताती है
मेरे हर डर से मुझको डराती है
जो बात कभी सोची भी नहीं
सपने में आ झकझोर जाती है,
यूँ रात अक्सर मुझे सताती है
गुजरा हुआ लम्हा दिखाती है
अच्छा-बुरा हर पल याद दिला
कभी हँसाती, कभी रुलाती है,
यूँ रात अक्सर मुझे सताती है
सबके बीच अकेला कर जाती है
यह लब तो रहते हैं खामोश मगर
अनकहे भावों से मन भर जाती है।-
सान्त्वना से सहर्ष तक
संसार से सन्यास तक
सृजन से संहार तक
स्वयं से सहस्त्र तक
सुबह से साँझ तक
सकल समय संग होत है।-
जीवन
है कसौटी
अनोखी है चुनौती
यहाँ मुसीबत ना एकलौती
सबके हिस्से हैं सहस्त्र कोटी
चाहे कोई माँग ले लाख मनौती
पर होता वही जो ईश्वर के पोथी।-
मुझे हाथों में ना हाथ चाहिए
मुझे तो बस, तेरा ही साथ चाहिए,
ना हो दूरियों का एहसास कभी
बस एक ऐसी हसीं मुलाकात चाहिए।-
ये मोहब्बत बिमारी नहीं, ये महामारी है
जो सबको ही लगती, बड़ी मनोहारी है,
इसमें ना ग़लती तुम्हारी है, ना हमारी है
इसके फँस कर सब भूले, दुनियादारी है।-