✍️ हिंदी दिवस पर विशेष कविता
हिंदी है जन-जन की बोली,
मन की गहराई से निकली ठोली।
धरती का यह अमृत प्याला,
जिससे सजा है भारत-भाला।
हिंदी से हम जग को जानें,
हिंदी से संस्कार पहचानें।
सदियों से इसका स्वर गूँजा,
हर दिल में यह दीपक जला।
वाणी की मधुरता हिंदी है,
भारत की आत्मा हिंदी है।
बंधन इसका अटूट निराला,
जैसे गगन का सूर्य उजाला।
आओ हिंदी का मान बढ़ाएँ,
दुनिया में इसका नाम चमकाएँ।
हिंदी दिवस हम सब मनाएँ,
गौरव से सर को ऊँचा उठाएँ।
🌸 हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌸
✍️ यशोदा देवरानी जदली-
नहीं मालूम कब लिखना शुरू किया, परंतु लिखने ... read more
🌸✨ हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन ✨🌸
हिंदी हमारी संस्कृति का अभिमान है,
यह राष्ट्र की आत्मा और जन-जन की पहचान है।
हिंदी दिवस केवल उत्सव नहीं,
बल्कि मातृभाषा के प्रति हमारी निष्ठा का प्रमाण है।
आइए हम प्रण करें—
हिंदी को अपने व्यवहार और कार्यक्षेत्र में स्थान देंगे,
इसके माध्यम से ज्ञान-विज्ञान और तकनीक की नई ऊँचाइयों तक पहुँचेंगे,
और विश्व पटल पर हिंदी की ध्वजा को और ऊँचा फहराएँगे।
🌿 हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं राष्ट्राभिनंदन! 🌿
✍️ यशोदा देवरानी जदली-
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शिक्षक दिवस पर कविता
ज्ञान ज्योति के पथ प्रदर्शक,
अंधियारे में दीप समान।
मन को गढ़कर जीवन सँवारें,
शिक्षक हैं गुणों के भंडार।
संस्कारों की गंगा बहाते,
सपनों को देते ऊँची उड़ान।
हर प्रश्न का हल सिखलाते,
मन में जगाते नव विश्वास।
धैर्य, तपस्या, स्नेह की मूरत,
कर्तव्यनिष्ठ, आदर्श महान।
राष्ट्र निर्माण के सच्चे कारीगर,
शिक्षक हैं भारत की पहचान।
✍️ - यशोदा देवरानी जदली
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कह दूं गर मन की,तो दुनिया रूठ जाती है
ना कहूं गर मन की,तो बेचैनी हरदम होती है-