💞इंसान💞
को
जिंदगी का
राहत भरा सुकून मिलता है
तो वह मिलता Only इन
दो लकड़ी के टुकड़ों के
जुड़ने से बने पर्दे रूपी
बंद दरवाजे के पीछे....!!🤗
हाँ
नहीं तो इससे बाहर आते ही
शुरु हो जाती है भागम-भाग जिंदगी
जिसका कोई अंत दूर दूर तक
दिखाई न देता!!😍
और
हाँ
अंत भी होगा तो दोनों (दौड़ और जिंदगी )का
एक साथ होगा!!
नहीं तो.....रहो!!✝✝✝-
राह चलते हुए देखा
खुली खिड़की से,
बंद दरवाजा
सिसकते जा रहा था,
न जाने
वो दौर कैसा था,
जो खामोशी से
खुद को आजमा रहा था ।
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जब भी देखोगे मुस्कुराते ही देखोगे
हमने दर्द के दरवाजे बंद कर रखे है
कोई नहीं आएगा यहां तुम्हारे बाद
हमने चाहतों के रास्ते तंग कर रखे है-
'बंद दरवाजा'
हृदय का
पुराना खण्डहर
जिसके
कपाट पर पड़ा है
सदियों से
यादों का ताला
कब से,
इंतजार में है
तेरे आने का
तू आए
और खोले
ये बंद दरवाजा..!!
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हज़ारों चीखें....
दफ़न होतीं हैं इनमें,
ये बन्द दरवाज़े मुझे
बड़े खतरनाक लगते हैं!!-
चिखतीं हैं खामोशियाँ बंद कमरे में मेरे
कोई सुन नही सकता
और मैं कुछ कह नही पाती।।-
आज बरसों बाद भरते ज़ख्म कुरेद गया वो..
बंद दरवाजे पर हाथों से दस्तक दे गया वो..-
न जाने किस उम्मीद में रोज़ खटखटाती हूँ
वो बंद दरवाज़ा जो अब दीवार सा हो गया है..M.A.-
बंद आँखो से कर लेती हूँ दीदार उसका
कोरोना हो या धोरोना ,
मुझे कोई फर्क नही पड़ता।।😉-
“आज क्यू भीगी हे पलके तेरी, क्यू डर चहरे पे
छाया है।क्या वो वही है जो तूने सब से छुपाया है?
क्या फिर से पड़ा है उस हैवान का साया तेरे आंचल पे
क्यों आज तेरे मुंह से एक निवाला तक उतर नही पाया है।
आज दिन में भी अंधेरा है क्या फिर से ग्रहण लग गया है?
धड़कने क्यू तेज हे तेरी क्या वो तेरे करीब आ रहा है।
क्या वो गालों को लगा हुआ थप्पड़ तेरी रूह को भी तोड़
गया हे?क्या आज भी चीखे तेरी उस बंद कमरे में ही कैद है?.......;
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