Prerna Home Deco   (Prerna_s_sinha✍️)
199 Followers · 19 Following

Joined 21 October 2019


Joined 21 October 2019
6 MAY 2023 AT 15:19

घर में होकर भी अब दिल खुश नहीं होता,
माँ की तरह अब कोई मेरा मुँह नहीं पोछता

निकलने से पहले अब कोई दरवाजे पर नहीं होता,
आराम से जाना ये कह कर नहीं टोकता
की अब आने से पहले भी कोई दरवाजा नहीं देखता, ५ मिनट लेट होने पे कोई डांट के नहीं पूछता ।।

खलने लगी हैँ वो बातें जो पहले परेशान करती थी, आज उन्ही बातों के लिए दिल बेचैन रहता है ।।

-


24 APR 2023 AT 12:58

ये इस दुनिया का दस्तूर है अपना किया कोई भूलता नहीं
और दूसरों का किया कोई याद नहीं रखता ।।

चोट और त्याग सिर्फ अपनी दिखती है दूसरों की नहीं ।।

-


24 APR 2023 AT 12:53


मौन रहो हर उस जगह पर जहाँ के लोग तुम्हें सुनना या समझना नहीं चाहते,

ज्यादा बोलना अपने संस्कारों और शिक्षा को कम कर देता है।

क्योंकि जो नहीं समझना चाहता वो कभी नहीं समझेगा ।।

-


26 OCT 2022 AT 10:51

मैं कल रहूँ या ना रहूँ
कुछ मेरे नाम सा रह जाएगा

ज़िंदगी की राह में
मेरे छाप सा रह जाएगा

कभी आँखो मे आएगा वो अश्रुओं की तरह
कभी बिन बादल बस बरसात सा रह जाएगा

मेरी याद का एक तिनका तेरे दिल मे गड़ा रह जाएगा
उस एक तिनके के बदौलत शाक का हर पत्ता हरा रह जाएगा

भले मुकम्मल हो जाए तेरा दिल किसी के नाम पर
सब कुछ पाकर भी तेरा कुछ खास तो रह जाएगा

मैं कल रहूँ या ना रहूँ
कुछ मेरे नाम सा रह जाएगा

-


26 OCT 2022 AT 3:10

कल की चाह में आज गवाया
आज गया जो कल ना आया
सुकून की खोज में चलता रहा मुसाफिर
जब थमना चाहा काम बुलाया
सोच सोच फिर मन पछताया
आँख खुली जब अंतिम वक़्त आया ।।

-


26 OCT 2022 AT 2:47

जिंदगी की राहें कुछ नाराज सी रही,
सब बड़े हो गए मैं नादान सी रही ।
दुनियादारी के मामलों से जरा अनजान सी रही,
अपने ही घर में मैं किरायदार सी रही।।

-


18 JUN 2022 AT 11:48

सिर्फ एक मुसकुराहट से
आप जिंदगी बिता सकते हो
एक मुस्कुराहट से आप
सारे दुखों को भुला सकते हो
की रोने से मिलता नहीं
इस दुनिया मे कुछ भी
तो कम से कम मुस्कुरा कर
दूसरों को तो हँसा सकते हो

तकलीफें कम नहीं इस दुनिया में किसीकी
इस मुस्कान के मुख़ौते से
दुनिया को हंसा सकते हो

-


13 JUN 2022 AT 14:24

हर बार बताया गया है मुझे
की सबकी तकलीफों को समझो

और ये सबने जताया है
की तुम्हे समझेगा कोई नहीं।।

-


10 JUN 2022 AT 1:01

फिर से उसी बचपन में
जहा ना कोई सवाल था
ना किसीका कोई जवाब था
आँखों मे सपने होते थे
हर जगह बस अपने होते थे
ना किसीसे कोई शिकायत थी
ना दिल मे कोई मलाल था
ख्वाबों का बस्ता भले हि सस्ता था
पर खुशियों का वही एक रस्ता था
ये दिल खुश हो जाता था
छोटी सी फरमाइशों पर
कभी कागज़ के नाँव पर
तो कभी मिट्टी के खिलौनों से
कभी दुपट्टे के पीछे छुप कर हम ढूंढने की पुकार लगाते थे
कभी दरवाजे के पीछे जाकर लोगों को दराते थे
दिल फिर से जीना चाहता है बचपन की उन यादों को
पापा के चॉकलेट लाने है, दादी की कहानियों को

-


28 JAN 2022 AT 2:17

मेरे दिल को बहोत लुभाता है

मैं जागती रहती हूँ यादों में उसके
वो कुछ एैसे मुझे सताता है— % &

-


Fetching Prerna Home Deco Quotes