गुजरे वक्त के साथ कुछ वक्त गुज़ारा जा सकता है सुकून के साथ अगर वर्तमान दुखी किए जाता हो। दो पल मुस्कुरा के देख मुखड़ा खिल उठेगा।
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न भविष्य की कर चिंता
सत्य है कि हमें भूत-भविष्य में खोकर वर्तमान को नह... read more
जा छोड़ दिया तेरा हाथ,
होगी तुझसे न मुलाकात।
तू डाल-डाल मैं भी पात,
दी तूने शह तो मैंने मात।
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अंधेरी सर्द रातों में प्रेम की तलाश है तो जाकर किसी फुटपाथ या झोपड़ी पर जाकर अलाव जला और सिकुड़ी ठिठुरी देह पर गर्म कंबल उड़ा आ देख कितना प्रेम बरसेगा! यूँ बेवफाओं के पीछे भागकर क्या मिलेगा सिवा आँसुओं के....
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एक मछली पूरे तालाब को ज्यों गंदा कर देती है ,ठीक उसी तरह एक अवगुण सौ गुणों को धूमिल कर देता है। यहाँ लोग दोषों की ओर अधिक ध्यान देते हैं। काश दूसरे के गुणों को खोजकर दुनिया में गुणों का प्रसार करते। व्यक्ति लाख बुरा सही पर सौ अवगुणों में एक गुण वो अवश्य रखता है। ढूँढकर तो देखिए।
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तुम इतने भिन्न-भिन्न विचार संजोते हो पर कहाँ से?
हमारे मन में बस एक ही विचार क्यों तिरता है?
कभी उठता कभी गिरता है दाएँ- बाएँ फिरता है,
पल भर ओझल होकर आँख-मिचौनी सी करता है।-
"गुबार और गुब्बारा
दोनों फूट पड़ते हैं
विचारों की आग से
वायु के दाब से"-
ख़त लिखना ,
फिर पहुँचाना
महीनों जवाब के
इंतजार की बेताबी
का आनंद अब कहाँ ?-
तसव्वुर में तेरी कभी जीते रहे कभी मरते रहे,
कभी हंसके कभी रोकेे आँखों में अश्क भरते रहे।
हकीकत में जिन्दगी उतनी आसान कब होती है,
तस्वीर आँखों में उतरी जबसे तेरी तारे गिनते रहे।-