अगर बाहों के धेरे में मोहब्बत कैद होती ...
तो ना तू मेरा होता ना मैं तेरी होती ।
जो होता कुछ भी इख्तियार में...
मीरा जोगन और राधा बांवरी ना होती।
रंगीन ना होते मेरे ख्यालात सारे...
ख्वाबो मे जो तुमसे मुलाकात ना होती।
मन चंचल ना होता पहाड़ी हीरनी सा ...
इश्क़ में रंगों की बरसात न होती।
जो तुम ऋतु बसंत ना बनते....
मै फागुन की ठंढी बयार ना होती।-
लौकिक है उस प्रियतम से प्रेम करना।
अलौकिक है उसका प्रेम प्राप्त करना।।
प्रेम में पगी को एक जोगन बना दिया।
उसके प्रेम ने राधा को मीरा बना दिया।।-
✍मोहब्बत न सिर्फ एक बंधन है,
वो है सबूत भावनाओं के होने का।।
अमृत से शुद्ध,
समंदर से गहरा,
आसमा से ऊंची,
इसकी सीमाएं हैं,
जो ना समझे इसके होने के महत्व को,
उसका जीवन ही निवार्य है।।
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तुम और मैं
चंदा ने भी शर्माना कुछ तुमसे ही सीखा होगा
वह भी बादलों में छुप जाता है देखते ही,
जैसे तुम पलकें छुपा लेती हो
चुपके से किसी के करीब होते ही।
छुई-मुई के पत्तों ने सिमटना भी कुछ तुमसे ही सीखा होगा
सिमट जाते हैं छूते ही
जैसे तुम सिमट जाती हो,
किसी के पास आते ही।
तुम्हारी प्रकृति में है जैसे
चुपके से शर्माना, सिमटना और तितली की तरह उड़ जाना
मेरी प्रकृति में है वैसे ही
हर प्यारी सी बात को कह जाना
और नए रंग बिखेर जाना।
शायद तुम चंदा और मैं बादल हूं
तुम छुई-मुई और मैं हवा का झोंका
तुम दिल का प्रेम हो और मैं मन की सोच।-
प्रेमात ज्यांना धोका मिळतो
एकांत त्यांचा सखा होतो l
मनात विचारांच काहूर घेवून
जगासाठी तो मुका होतो ll
© Sanket-
प्रेमाचं हळवं फ़ुलपाकखारू भावनेच्या
कळीला आज बोलू लागलं...
एकदा तरी या स्वप्नांच्या पाकळ्या उमलून बघ...
तुझ्या गन्धात वेडावलेलं प्रेम माझं
एकदा तरी स्पर्शून बघ..!-
वाट ही काही,
दिसता दिसेना.
वेड्या मनाची हाव,
काही केल्या सुटेना...
समजना ग तू सारे,
तुझ्या या नयनांनी.
प्रवास दूरवरचा साधायचा,
आता या दोन मनांनी...
वेळ ही इथेच,
थबकली जणू.
बोलायचं आहे बाकी,
वेळ पुन्हा दोघं आपण मिळूनच आणु...
(Shubham Deokar)-
लोग कहते हैं नशा शराब में होता है,
पीने के बाद मदहोश कर देती है।
मैं कहता हूं जनाब, अगर इश्क़ में मिला हो
तो नशा तो गुलाब में भी बहुत होता है,
तबीयत से सूंघ कर तो देखिए, रूह कंपा देता है।।
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