नूतन वर्मा   (Nootan verma ✍🏻)
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Joined 8 May 2020


Joined 8 May 2020

मेरा श्रृंगार हो तुम
जीवन का आधार हो तुम
दिवाली है रोशन तुमसे
होली का गुलाल हो तुम ।

मेरा सच्चा विश्वास हो तुम
मैं तीखी, मिठास हो तुम
देखा था कभी लड़कपन में
सच हुआ , ख़याल हो तुम।

समर्पण का पर्याय हो तुम
प्रेम का अध्याय हो तुम
हूं मैं उलझी धागों जैसी
सुलझा हुआ सवाल हो तुम।

तपन में शीत हो तुम
मेरे मन के मीत हो तुम
मंद - मंद मुस्काते हो जब
लगते बड़े कमाल हो तुम।

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28 JAN 2022 AT 15:51

"जागो नारी शक्ति"

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26 JUL 2020 AT 18:25

पाक अक्ल ठिकाने कर ले
कब तक मुँह की खाएगा |
छिप जा चीन के पल्लू में
तू फिर भी बच नहीं पाएगा |
छल-कपट तेरी रगों में बहता
तू प्रेमभाव क्या जानेगा |
गन्दी चालों का आदी है तू
कभी बाज नहीं आएगा |
उठाई आँख जो तू ने हम पर
विध्वंस तेरा हो जाएगा |
नापाक पाक को धूल चटाने
बच्चा - बच्चा - जाएगा |
माँगेगा तू भीख जान की
पर तुझे ना बख्शा जाएगा |
देश के अमर शहीदों का
बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा|

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13 JUL 2020 AT 8:09

" नीलकण्ठ महादेव "
( अनुशीर्षक में पढ़ें )

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16 NOV 2020 AT 15:33

सुख-वैभव के कुसमों से , सुरभित हो जीवन उपवन
दिगदिगंत में गुंजित हो , यशोगान अति पावन ।
हृदय भरा अपार हर्ष , मंगलमय बेला आई
स्वीकार करो प्यारे भाई , 'भाई दूज' की बधाई ।

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14 NOV 2020 AT 16:17

ले प्रीति का दीपक
जला अपनत्व की बाती ।
आलोकित हों हृदय सबके
मिटे दुर्भावना सारी ।

दीप की ऊर्ध्व शिखा में
कलुषता होम हो जाए ।
सर्वत्र प्रेम ही बरसे
हर जन राम हो जाए ।

शुभ-श्रेयस के परिमल से
सुवासित भू ये हरसाती ।
ले प्रेम का दीपक.................

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31 OCT 2020 AT 21:59

चिकुर तुम्हारे तिमिर घनेरे
वेणी में गुंथे पलाश ।
शरद चंद्र-सा दीपित मुख
कंपित अधरों पर हास ।
बने कुमुदिनी नमित नयन
उदित भानु अलसात ।
रक्तवर्ण की ओढ़ उपरनी
आली करतीं परिहास ।
चली - चली वो बावरी
ले पिया मिलन की आस ।

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14 SEP 2020 AT 18:08

"हमारी प्यारी हिंदी"
(अनुशीर्षक में पढ़ें)

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9 SEP 2020 AT 19:44

भक्ति की पराकाष्ठा : शबरी
(अनुशीर्षक में पढ़ें)

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31 AUG 2020 AT 15:03

" नदी एक स्त्री है "
(अनुशीर्षक में पढ़ें)

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