आंखे बेताब है कोई बड़ी बात को
वो मुलाक़ात पहली बड़ी खास हो
जब मै तेरे साथ, और तू मेरे साथ हो
अपना आंखो ही आंखों से दीदार हो
जो बाते करु मै, वो तेरी खास हो
और जो बातें करे तू, वो मेरी खास हो
रात कटती नहीं, दिन भी ढलता नहीं
ये तेरे चेहरा, मेरी नजरो से हटता नहीं
यूं ही चलता रहे, ये समां प्यार का
नाम तुझको मिले, तो मेरे नाम का-
इसीलिए शब्दों को मिलाकर मैं लिखता "सरस... read more
कौन कहता है, की मुसीबतें खूबसूरत नहीं होती
जबसे टकराया हूं मै, मेरी तो नज़र ही नही हटती।
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घनी बस्तीयों में घूमने वाले आज सन्नाटे में बैठे हैं,
ये आंधियों का मौसम है सो पंछी गुफाओं में बैठे हैं।
अब और ना रोक पाएंगी आंधियां इनको,
खुले आसमां में उड़ने वाले हैं छितिज को नाप बैठे हैं।
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कौन तैरता है बीच मझधार में डूब जाने के लिए,
करते हैं सभी संघर्ष मुसीबतों से पार पाने के लिए।।-
कभी कभी वो कुछ इस तरह याद आते हैं,
की दुनिया भूल जाएं पर उन्हें न भूल पाते है।
ना जाने इतनी दूरियां कैसे हो गई उनसे,
जिनके साथ भर से हम गमों में मुस्कुराते थे।
ना जाने कहां और किस हाल में हो तुम,
हर बार बस ख्वाब और खयालात में हो तुम।
ये दिन, ये रात कैसी भी हो अब अच्छी नहीं लगती,
चाह कर भी किसी और से प्रीत अब सच्ची नहीं लगती।-
को जीना जरूरी है,
हर रात सुहानी नही होती
मगर, ना चहके परिंदे तो
सुबह भी खूबसूरत कहां होती है।
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कोइ नहीं है आने वाला
जो करना है खुद ही कर लो
अब कोई नहीं बतलाने वाला-
जो चल पड़े सफ़र पे, तो पीछे मुड़ना क्या
जो बढ़ चले ये कदम, तो थककर रुकना क्या।
अरे सफ़र तो थम ही जाएगा, जो मंजिल करीब होगी
और वक्त भी शोर मचाएगा, जो मुकद्दर मे जीत होगी।-
कौन कहता है आसान होती है जिंदगी
जरा मुश्किलों में जी कर तो दिखा दे
जो तू न समझ सके कहानी को अगर
तो कम से कम किस्सा बनकर तो दिखा दे।-