किसी की पीठ पीछे बातें ना किया करो ,,
अकसर खुद की ही बातें बन जाती है !!-
आधी लिखूँगा....
मगर हर एक बात लिख दुँगा,
आप गालियाँ मत देना मुझे,
मेरी पीठ के पीछे,
वरना उठाली कलम..✍️..
तो आपकी औक़ात लिख दुँगा।।🙃🙃
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जब सुने मैंने,
वो कड़वे शब्द
जो तुमने कहे।
मेरे सामने कुछ
और पीठ पीछे
कुछ और हो तुम।-
लगता तो नहीं कभी वो सामने से वार करेंगे
बुजदिल है, हमेशा पीठ पीछे ही वार करेंगे.-
ये तो कुत्ते है इनकी आदत है पीठ पीछे भौकने की,
ये सिर्फ भौकेगें इनमे हिम्मत कहा हमे रोकने की।-
तुम्हे शिकायत है मुझसे, तो मेरे सामने ही कहना,
क्योंकि पीठ के पीछे तो लोग मतलब ही बदल देते हैं....!-
हमें मारने के लिए अपने नाजुक हाथों को तकलीफ ना देते,,,
एक बार केह देते हम खुद अपनी जान निकालकर दे देते,,।-
लोगो से क्या कहते हो..
मोहब्बत है तो कहो
नफ़रत है तो कहो..
मेरी सुनो,जो सुनना है तो
लोगो की क्या सुनते हो..
यूं मेरे पीठ पीछे,
मेरी बुराई न करो..
ये दुनिया बड़ी जालिम है
बात बात का बतंगड़ बना देती है...!!-
"सरेआम हमें अपना ना कह सको तो,
पीठ पीछे मिलने की कवायद भी ना करना..."-