हमारा कोई बहाना काम ना आया
उसका कोई बहाना जान ना पाया-
Prakhar P. C. Upadhyay
(शान)
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Joined 22 March 2018
2 HOURS AGO
वो मासूम सी हंसी मेरे दिल में बसी है
यूं समझिए कि जान आफ़त में फंसी है-
3 HOURS AGO
माना कि मैं दर-ख़ुर नहीं हूं तेरे लिए
पर दरवाज़े तो खुले रख तू मेरे लिए-
3 HOURS AGO
तेरे संग सनम हो जाए एक कट चाय
पसंद हों तुझे तो पकोड़े भी हो जाए
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3 HOURS AGO
तेरी मुस्कान के आगे सनम सब हार जाता हूं
तू नहीं मिलती तो सोच कैसे मन मार पाता हूं-
12 HOURS AGO
दिल की गहराई से तुझे मैं चाहता हूं
तू बस हां कह दे इतना ही चाहता हूं-
13 HOURS AGO
एक ही है जीवन आधार, भूलो मत शिष्टाचार
ग़र करोगे तुम अहंकार, पाओगे बस अंधकार-
23 HOURS AGO
शीलू तेरी मोहब्बत मेरी तो जन्नत बन जाएगी
तू कर ले बेझिझक अपनी ज़िंदगी बन जाएगी-