जादूगरी जो शब्दों से की है,
लेखन को अपने जीवन में उतार लिया है,
बनकर शासकीय शिक्षक तुमने,
देश के भविष्य को उजाला किया है-
Rohit Sharma
(उन्मुक्त स्याही "SaaR")
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मेरी पहली पुस्तक "औरत इक संपूर्ण क... read more
मेरी पहली पुस्तक "औरत इक संपूर्ण क... read more
Joined 24 May 2017
11 SEP AT 17:04
5 SEP AT 11:55
होने लगा है मोहब्बत का असर आजकल,
रखने लगी हो हमारी हर ख़बर आजकल,
हम भी हुए दीवाने इस कदर आपके,
कि ख़्वाबों में भी आने लगी हो नज़र आजकल-
3 SEP AT 21:53
कर दिया आज़ाद दो ज़िस्मों को कपड़ों की गिरफ़्त से,
मोहब्बत की पाकीज़गी उन दोनों की बेशर्मी से बढ़ गयी-
3 SEP AT 21:46
धधक रही है जो आग मेरे ज़िस्म पर,
उसे तुम्हारे ज़िस्म की बरसात की चाहत है,
तुम्हारे बर्फीले बदन से मिलती हर दफा,
मेरे सुलगते ज़िस्म को राहत है ।।।-
3 SEP AT 14:44
गुफ़्तगू करूँ आजकल खुद से मैं तुम्हारे लिए,
ये मेरा दिल तुम्हारी चाहतों पर मुझसे बैर करता है-
3 SEP AT 14:34
तुम्हारी गोद मे
सर रख कर मिलता है मुझे,
सुकून,
आराम,
मेरा वजूद,
तुम्हारा प्यार,
मेरे होने का एहसास,
तुम्हारी चाहते,
तुम्हारा ऐतबार,
और सबसे ज़रूरी मेरे जीने की वजह-