क्या बात है ? ,बेबजह मुस्कुराने लगे हो,
फिर किसी को अपना बनाने लगे हो,
कहते थे, प्यार-मुहब्बत से दूर ही रहना है,
अब किसके चक्कर में आने लगे हो।-
अब पन्ने सारे गीले है,
भर-भरकर दर्द लिखा मैंने,
सारे शब्द नुकीले हैं
अब तो तुम दिल को भाने लगे हो,
धीरे धीरे दिल को चुराने लगें हो,
अब तो रातो में भी जल्दी सोने लगा हु मै,
जब से तुम सपनो में आने लगे हो।-
ओस की बूंदों में ,मंजर अच्छा लगने लगा ,
कुछ देर क्या ठहरे, समंदर अच्छा लगने लगा।-
काश तुम्हारी आंखें भी, थोड़ी सी तो नम होती,
बिछड़न की ये तकलीफे, शायद थोड़ी कम होती।-
परस्थितियाँ हर-रोज, कुछ बिगडती जा रही है,
चुनोतियाँ मेरे हिस्से में, कुछ चढ़ती जा रही है,
सपने पूरे करने की, अब ख़्वाहिश ही नहीं है ,
जिम्मेदारियाँ जो कंधो पर, कुछ बढ़ती जा रही है।-
न तुम हमारे वास्ते, न हम तुम्हारे वास्ते,
अब तुम अपने रास्ते, हम अपने रास्ते।-
मुझको महलो से क्या लेना,
मेरा अपना एक कोना हो,
थक जाऊ पलभर बैठ सकू,
रो लू जब खुलकर रोना हो।-
ख़ुशी छू कर गुजर जाती है,
गम ठहर जाते है कुछ देर को,
खुशिया हमपर संभाली नही जाती,
हम समेट लेते है गमो के ढेर को।-
जीवनभर के रिश्तो से, मुख मोड़ना तो पड़ेगा,
दुनिया किराए का घर है, छोड़ना तो पड़ेगा।-