" कितने झुठे इल्ज़ाम लगा ओगे
आखिर में फिर भी मेरे ही हिस्से में आ ओगे !!"
~ Chahat-
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और हम बस इतना कहना चाहते है :;
" तुम तलाशोगे हमे हर दिन " !!
Words by - Dr. Chahatkanchan1176
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फिर मैंने कुछ इस कदर उसे तोड़ दिया
इस दफा मैंने उस बेवफा को छोड़ दिया ।।-
अगर ये खवाब है तो ये ख्वाब बहुत हसीन है ;;;
तू कही भी हो इस जहाँ में " बस मेरा है "
मुझे पूरा यकीन है...!!
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जर्रा जर्रा रूह का तेरा खुद में यूँ समा लिया है ,,
बिन पाए भी मैंने तुझे अपना बना लिया है!! — % &-
दुसरो के साथ भी वही सलीका रखे जो आप खुद ओरो से चाहते है ;;
किसी को उतना ही दर्द पुहचाए जितना आप खुद सह पाते है...!!-
यू उलझे रहने से अच्छा है
एक फैसला कर किनारे के हो जाये
तुम चाहे ;; चाहो या ना चाहो हमे
कम से कम हम तुम्हारे तो हो जाये ।।-
जो हो तुम मेरे ;;; तो शब्दो में क्या जाहिर करना ??
जो हो तुम मेरे ;;ख्यालों में तो तुम्हे पास बुला कर भी क्या करना !!....
क्या तेरे बिन भी तेरे है हम;; सवाल पूछे जाते है हमसे ??
जब मोहब्बत इतनी बेमिसाल ;;तो जवाब देकर हमें क्या साबित करना !!!...
तुम वापिस आ जाओ आखिर कितनी दफा कहा था मैंने ???
यूं मोहब्बत में भीख मांगनी पड़े ;;तो तुझे अपना बना कर भी क्या करना !!!..
जरा याद आए तो;; एक दफा याद ज़रूर करना !...
हम आए कितनी बार तेरे दर पर तू याद कर ;;
अब तुझे ;; मुझे अपनी याद दिला कर भी क्या करना ???
और जिस मोहबब्त में तू move on करने को कहे ;;; छोड़ने के बाद मुझे : :
रहने दे यार यूं दो पल की चाहत का मुझे भी क्या करना ??.
#Chahatkanchan
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