सुरजीत कोहली   (खुद की खोज में🔍🔎सुरजीत)
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Joined 21 September 2018


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Joined 21 September 2018

#अधूरा सफर
★★★★★★★★★★★★★★

तुम हमारा रिश्ता मुकम्मल बना न सके,
वादा करके तुम निभा न सके,
तुमने कर तो दिया हमें खुद से दूर ,
लेकिन हम तुम्हारी चाहत को मिटा न सके।

दिल की दहकती दीवारों पर,
एक शीतलपन का एहसास है
तू दूर तो बहुत है मुझसे,
लेकिन फिर भी दिल के पास है,
हमें पता था जाओगे छोंड़कर,
यह बात हम इस दिल को समझा न सके।

और तुमने कर तो दिया हमें खुद से दूर,
लेकिन हम तुम्हारी चाहत को मिटा न सके।।



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कुछ बीते हुए लम्हों को जब-जब याद किया जायेगा,
ए 2020 तुम्हारा नाम सीरीज में सबसे ऊपर आयेगा।।

शांत स्वभाव से चलता 2020,
कैसा आक्रामक सा हो गया,
Fair&lovely वाला चेहरा भी mask से ढक गया।

था पर्यावरण ने खेल रचा ,
या china की यह साजिश थी,
चाहें जो हो ,जैसा भी हो
एक बात तो इसकी निराली थी....
एक साथ बिठाकर, सबको रामायण दिखा गया,
हमारी संस्कृति से हमें रूबरू करा गया,
शब्दार्थ भले नहीं पता,
परन्तु Quarantine का भावार्थ बता गया,
और ये 2020 का साल हमको बहुत कुछ सीखा गया।।

2021 बेहद आशावादी रहेगा...
क्योंकि ..
आशा है अर्थव्यवस्था की हालत सुधरेगी,
चेहरे की fair&lovely अब फिरसे चमकेगी,
कोरोना के भय से मुक्ति मिलेगी,
कोरोना वैक्सीन भी जन-जन तक पहुँचेगी.।।

🎆✨नव बर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं..✨🎆

2021 में आपकी सारी मनोकामनाएँ हों पूरी...
और हाँ,2 गज दूरी मास्क🙊है जरूरी।😃😃


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#देश के सच्चे हीरो
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सिर पर कफन बांध , जो सरहद पर खड़े हैं,
क्या उनका परिवार नहीं? क्या उनके बच्चे नहीं?
कभी उनकी पीड़ा को भी महसूस करो यार!😢
उनकी तो ना सुबह रही,न शाम रही,
न धूप रही ,न बरसात रही।।

भारत माँ के लाल हैं वो ,
जिन्होंने हमको महफूज रखा है,
अपने बीबी बच्चे छोंड़,
सरहद पर AK-47 क़बूल किया है।

निज राष्ट्र के दुश्मनों से,
पुलवामा जैसे संकटों में
आंच नहीं आने देंगे वो देश के सम्मान पर
फौजी हैं वो,
अपनी जान देकर भी हमारी जान सुरक्षित रखेंगे वो।

बर्बाद नहीं जाने देंगे , हम आपके लहू की कुर्बानी,
आज़ादी दिलाई जिन्होंने ,ताख में रखकर अपनी ज़वानी।

🇮🇳स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳

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★ जिंदगी ★
___________
सागर की लहरों सी ,
बहती ये जिंदगी,
कब ठहर जाए,
किसको पता किसको खबर!

है आज उड़ती ये खग सी,
अंतिरक्ष में विचरण करती
कब पंख पसार जाए,
किसको पता किसको ख़बर!

अरमान सबके चांद पर
और सूरज सी तपती जिंदगी,
कब बर्फ सी पिघल जाए,
किसको पता किसको खबर।


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नौ महीने कोख में रखकर भी,
वो हर काम कर लेती है,
वो सिर्फ माँ ही तो है,
जो हमारे सारे दुःख हर लेती है।

निःस्वार्थ प्रेम की मूरत है,
हर पीड़ा की वो साथी है,
हर बीमारी की रामबाण दवा,
और हर दीप की ,जलती बाती है।

ब्रह्मा,विष्णु,महेश,
सबने है माँ का गुण गाया,
और माँ की दुआओं से ही तो,
हर व्यक्ति है कुछ कर पाया।

गीले में ख़ुद सोई है वो,
सूखे में हमें सुलाया है,
खुद भूखी रहकर भी उसने,
हमें पेट भरकर खिलाया है।

सपने साकार हमारे हों,
वो यही दुआ अब करती है,
जब बात हमारी खुशी की हो,
वो पापा से भी लड़ लेती है।☺️🙏

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परख से परे है ,
शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के लिए हूँ,
जो समझे कदर मेरी।🙂

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सिर्फ एक कागज का टुकड़ा ही ये decide करता है ,
कि आप किस caste को belong करते हैं,
पर अफसोस ,लोग उसे संस्कारों में ढूंढते हैं ।

वक़्त बुरा हो सकता है मेरा ,पर संस्कार नहीं,
और मैं घटिया हो सकता हूँ,लेकिन मेरा प्यार नहीं।😔

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【न्याय दिवस◆20 मार्च 2020】
आज ,7 साल 3 महीने और 5 दिन बाद,
जब देश का आम नागरिक चैन से सुबह जागा होगा,
तो एक बेटी की माँ आज चैन की नींद सोई होगी।
16 दिसम्बर 2012.....
एक बेटी की आबरू लूट की गई,
एक माँ की खुशियाँ उससे छीन ली गईं,
एक प्रेमी की प्रेमिका उससे अलविदा कह गई,
देश की एक बहादुर बेटी तड़प तड़प कर मर गई।

शर्म-हया, इंसानियत सब पर परदा डाल दिया,
4 राक्षसों ने जब एक मासूम पर अत्याचार किया।
वो रोती-बिलखती,चीखती-चिल्लाती और तड़पती रही,
और हमारे देश का प्रशासन और न्यायव्यवस्था,
तारीख पर तारीख देकर,
एक माँ के आंसुओं को बहाती रही।।
(20मार्च2020),सुबह 5:30 बजे.....
न्याय बेशक मिल गया,निर्भया और उसकी माँ को,
लेकिन 7 साल तक वो कोर्ट के चक्कर लगाती रही,
राजनेता और न्यायव्यवस्था सिर्फ तसल्ली दिलाती रही,
निर्भया की वकील गुहार लगाती रही,
और कोर्ट संविधान का हवाला देकर तारीख देती रही।
आखिरकार....
देर हुआ दुरस्त हुआ,न्याय तो मिल गया,
एक माँ को जीने का सहारा तो मिल गया,
जो कल तक कोर्ट के चक्कर लगाती थी,
आज उसका चेहरा भी खुशी से थोड़ा सा खिल गया।।
★इन हवस के नुमाइंदों को,नैतिकता का पाठ पढ़ाओ,
जो साले ऐसा अत्याचार करें,
उन्हें on the spot मार गिराओ।

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आज उसने एक पल में कह दिया,
कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या है।
औऱ हम उसे हर मंदिर और मस्जिद में माँगते रहे ।😭

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हमारी जिंदगी को जिंदगी कुछ यूँ बनाती है
कि हम बैठे हैं घर में,
और हमें मीलों पहुँचाती है,
ये विज्ञान ही है यारों,जो जीवन में चार चांद लगाती है।

घड़ी की सुई से "रमन प्रभाव" तक,
समुद्र की गहराई से आसमान तक,
हर पल को,हर क्षण को सहज बनाया तूने,
हर इंसान को तू कितना लुभाती है,
ये विज्ञान ही है...जो जीवन में चार चांद लगाती है।

कभी ,हम सोये तो जगाया तूने,
कभी ,अपनी ठंडक से हमको सुलाया तूने,
कुछ लोग जो असहाय और दिव्यांग थे ,
उनको भी देकर पैर, दौड़ाया है तूने,
हे चंद्रशेखर,कलाम साहब और श्रीमान रमन,
इस "राष्ट्रीय विज्ञान दिवस'पर आपको शत शत नमन।
🌷🌷🌺🌼🌼💮🏵️🙏🙏

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