【न्याय दिवस◆20 मार्च 2020】
आज ,7 साल 3 महीने और 5 दिन बाद,
जब देश का आम नागरिक चैन से सुबह जागा होगा,
तो एक बेटी की माँ आज चैन की नींद सोई होगी।
16 दिसम्बर 2012.....
एक बेटी की आबरू लूट की गई,
एक माँ की खुशियाँ उससे छीन ली गईं,
एक प्रेमी की प्रेमिका उससे अलविदा कह गई,
देश की एक बहादुर बेटी तड़प तड़प कर मर गई।
शर्म-हया, इंसानियत सब पर परदा डाल दिया,
4 राक्षसों ने जब एक मासूम पर अत्याचार किया।
वो रोती-बिलखती,चीखती-चिल्लाती और तड़पती रही,
और हमारे देश का प्रशासन और न्यायव्यवस्था,
तारीख पर तारीख देकर,
एक माँ के आंसुओं को बहाती रही।।
(20मार्च2020),सुबह 5:30 बजे.....
न्याय बेशक मिल गया,निर्भया और उसकी माँ को,
लेकिन 7 साल तक वो कोर्ट के चक्कर लगाती रही,
राजनेता और न्यायव्यवस्था सिर्फ तसल्ली दिलाती रही,
निर्भया की वकील गुहार लगाती रही,
और कोर्ट संविधान का हवाला देकर तारीख देती रही।
आखिरकार....
देर हुआ दुरस्त हुआ,न्याय तो मिल गया,
एक माँ को जीने का सहारा तो मिल गया,
जो कल तक कोर्ट के चक्कर लगाती थी,
आज उसका चेहरा भी खुशी से थोड़ा सा खिल गया।।
★इन हवस के नुमाइंदों को,नैतिकता का पाठ पढ़ाओ,
जो साले ऐसा अत्याचार करें,
उन्हें on the spot मार गिराओ।
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