चतुर्भुजा महालक्ष्मी _______(आदि-शक्ति)_______
| | | चतुर्भुजा महाकाली | चतुर्भुजा महासरस्वती
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शिव-सरस्वती लक्ष्मी-ब्रह्मा विष्णु-गौरी
जिन व्यक्ति-विशेष इस सत्य को ठुकराते हैं और शिव,विष्णु,ब्रह्मा से इस जगत की उत्पत्ति मानते है
कृपा करके सार्वभौमिक सत्य को समझें।
धन्यवाद!-
दृष्टिगोचर हो रहा
प्राची की प्राचीर पर
उभरती सिंदूरी आभा से
अभिसिंचित सुसज्जित मुखरित
विंहसते मधुर स्वपन सम
आकाश कुसुम
हो रहा निरंतर निर्माण कोई।
सुखद मन के द्वार पर प्रतीक्षित
आंगतुक लिए मृदुल मुस्कान कोई।
असंख्य मन के तारों में
बजता अहर्निश समर्पण गान कोई।
आबद्ध कर की प्रार्थना में आवाहित
सृष्टि का कल्याण कोई।
अनियंत्रित काल की इस भीड़ में
दृष्टिगत हो रही पहचान कोई।।
प्रीति
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"लोगों के समक्ष इतना भी सीधा और सरल नहीं बनना चाहिए कि लोग आपको मूर्ख समझने लगें एवं अपने सहकर्मियों से proper distance भी मेंटेन रखनी चाहिए क्योंकि कई बार ये Internal politics को जन्म देने में सहायक बनती है..!!"
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मटकी फुटली की
"खांद्यावरचे" ओझे कमी होते
आणि युक्ती सुचली की "डोक्यावरचे"
किती सुखद अनुभव असतो ना! 😄-
किसी ग़ैर से अपने प्यार और तड़पते दिल को समझने की उम्मीद हीं क्या करे...
जब तक ख़ुद पर न बिते तब तक दुसरो की मौत भी लोगो के लिए मज़ाक हीं होती है!!!
🙂-
वस्तू हरवत नसतात गहाळ होत असतात
तसंच माणसांच्या नात्यांचं देखील आहे.
नाती तुटत नसतात,ती विखुरली जातात.
छोट्या मोठ्या गोष्टींवरून, गैरसमजातून..!
त्यामुळे वस्तू आणि नाती,गोती तितक्याच ताकदीने सहजतेने हाताळता आणि जपता आली पाहिजेत....!
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एखादी गोष्ट आवडते म्हणून तिचा अतिरेक झाला
कि त्या गोष्टी बद्दल मनात कायमचा तिरस्कार निर्माण
होतो.-सुयश;
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पढ़ते-पढ़ाते जाना कि लिखने के लिए
मिटाना पड़ता है
और मिटाने के लिए लिखना।-
स्वानुभव और इतिहास बताता है कि लोगों ने और सरकारों ने इतिहास से न कभी कुछ सीखा हैं और न इतिहास से निकले नियमों के अनुसार कार्य किया हैं| वे इस बात पर सहमत हैं कि इस देश में असंख्य रोग हैं, और उनका एकमात्र इलाज चुनाव है।
#मेरा_सीमित_ज्ञान
#स्वानुभव-